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बैंक में जमा हुए ग्राहकों के लाखों रुपये का कर लिया गया गबन, पीड़ितों ने की शिकायत

सुपौल : लोग असामाजिक तत्वों के डर से नकद राशि को घर में रखने के बजाय बैंक में जमा करने जाते हैं. लेकिन अगर बैंक कर्मियों द्वारा राशि खाता में जमा करने के बजाय इसका गबन कर लिया जाय तो खाताधारियों की परेशानी का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है. कुछ ऐसा ही सनसनीखेज मामला […]

सुपौल : लोग असामाजिक तत्वों के डर से नकद राशि को घर में रखने के बजाय बैंक में जमा करने जाते हैं. लेकिन अगर बैंक कर्मियों द्वारा राशि खाता में जमा करने के बजाय इसका गबन कर लिया जाय तो खाताधारियों की परेशानी का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है.

कुछ ऐसा ही सनसनीखेज मामला भारतीय स्टेट बैंक परसरमा शाखा में उजागर हुआ है. ठगे गये ग्राहकों ने जिला पदाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, एसबीआइ के उच्चाधिकारी सहित थाना में मामले की शिकायत की है.
इन्हीं में से एक ग्राहक सदर प्रखंड के मल्हनी पंचायत स्थित सिमरा वार्ड नंबर 10 निवासी रवि शर्मा का खाता परसरमा एसबीआइ शाखा में है. श्री शर्मा अपने खाता संख्या 33808751401 में गत 13 मई 2019 को 81 सौ रुपये जमा करने गये थे. इस दौरान शाखा प्रबंधक एवं कैशियर ने बगल में काउंटर पर बैठे कर्मचारी रतन कुमार मल्लिक को राशि जमा करने को कहा.
ग्राहक ने उन्हें राशि जमा की. कर्मी रतन द्वारा बैंक का मोहर एवं हस्ताक्षर कर 81 सौ रुपये की पर्ची भी दी गयी. लेकिन श्री शर्मा करीब एक महीने पूर्व जब एसबीआइ परसरमा शाखा में राशि निकालने पहुंचे तो खाते में 81 सौ रुपये जमा नहीं पाया गया.
श्री शर्मा द्वारा खाता के स्टेटमेंट की मांग की गयी तो शाखा प्रबंधक ने बताया कि मशीन खराब है. हालांकि शाखा प्रबंधक ने राशि को वापस कराने की बात कही. लेकिन कुछ दिन बाद शाखा प्रबंधक राशि भुगतान से मुकर गये और कहा कि तुम्हारा पैसा बैंक में जमा नहीं हुआ है. जिसके पास रुपये दिये हो, उसी से मांगों. श्री शर्मा ने बताया कि अभी भी कई ऐसे लोग है, जिनको गबन का शिकार होना पड़ा है.
उन्होंने कहा कि बैंक में सीसीटीवी रहने के बावजूद बैंक कर्मियों द्वारा इसे कभी-कभार किसी बहाने बना कर बंद कर दिया जाता है. ऐसे करतूतों से प्रतीत होता है कि कहीं न कहीं शाखा प्रबंधक, कैशियर व रतन कुमार मल्लिक की मिलीभगत से राशि का गबन किया जाता है. बताया कि श्री मल्लिक नगर परिषद क्षेत्र के भेलाही वार्ड नंबर 19 का रहने वाला है.
जिसे कुछ दिनों पहले ग्राहक सेवा केंद्र की भी कमान सौंपी गयी है. लेकिन वह वर्षों से उक्त बैंक में हमेशा नजर आता है. श्री शर्मा ने कहा कि गरीबों के साथ शोषण करने वाले बैंक शाखा के दोषी कर्मियों पर अगर विभाग द्वारा कार्रवाई नहीं की गयी तो वे जिलाधिकारी के समक्ष आत्मदाह करने को विवश होंगे.
कहते हैं अधिकारी
इस बाबत पूछे जाने पर शाखा प्रबंधक अवधेश कुमार ने कहा कि कर्मी रतन कुमार मल्लिक के खिलाफ विभाग को लिखा गया है. दोषी के विरुद्ध जल्द कार्रवाई की जायेगी.
बैंक द्वारा दी गयी थी जमा पर्ची
वहीं दूसरी ओर सदर प्रखंड के परसरमा गांव वार्ड नंबर 02 निवासी फुलो कामत ने भी 07 जनवरी 2019 को अपने खाता संख्या 32997187871 में एक लाख रुपये जमा किया था. जो अभी तक डिपोजिट नहीं हो सका. इसी वार्ड के दयनद देवी ने 10 जनवरी 2019 को 53 हजार रुपये अपने खाता संख्या 34341607027 में जमा करने के बाद कैशियर व कर्मी रतन कुमार से जमा पर्ची प्राप्त की थी.
कुछ दिनों के बाद जब पैसा निकालने परसरमा एसबीआइ शाखा गयी तो खाता में उक्त राशि खाते में जमा नहीं पाया गया. पीड़ितों ने बताया कि इस बैंक शाखा में कई शाखा प्रबंधक आये गये. लेकिन रतन मल्लिक एक कर्मी की तरह यहां कार्यरत रहे और ग्राहकों का शोषण होता रहा.
पीड़ित ग्राहकों ने विभाग सहित जिला प्रशासन को आवेदन देकर दोषी शाखा प्रबंधक व कर्मियों पर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की. साथ ही ग्राहक सेवा केंद्र भेलाही एवं उसके संचालक रतन मल्लिक के कार्य को निरस्त करने का अनुरोध किया है. उन्होंने कहा है कि अगर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं की गयी तो आंदोलन का रास्ता अख्तियार किया जायेगा.

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