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10 कदम की दूरी तय करने के लिए लगाना होता है एक किमी का चक्कर

सुपौल : भले ही सरकार सूबे में सड़कों का जाल बिछाने एवं आमलोगों के आवागमन के लिए सुगमता की दावे कर रही हो लेकिन जमीनी सच्चाई यह है कि जिला मुख्यालय में भी जर्जर हो चुके सड़कों एवं कीचड़युक्त सड़क पर आवागमन की विवशता बनी हुई है. जहां हल्की बारिश के बाद ही सड़कों पर […]

सुपौल : भले ही सरकार सूबे में सड़कों का जाल बिछाने एवं आमलोगों के आवागमन के लिए सुगमता की दावे कर रही हो लेकिन जमीनी सच्चाई यह है कि जिला मुख्यालय में भी जर्जर हो चुके सड़कों एवं कीचड़युक्त सड़क पर आवागमन की विवशता बनी हुई है. जहां हल्की बारिश के बाद ही सड़कों पर चलना दूभर हो जाता है. समस्या के बाबत स्थानीय लोग सहित वार्ड पार्षद प्रशासनिक अधिकारियों को अवगत करा चुके हैं. लेकिन वर्षों से लोगों

को समस्या से निजात नहीं मिल
पाया है.
जिला मुख्यालय स्थित विद्यापुरी एवं लोहिया नगर इलाके के बीच वर्षों पूर्व निर्मित रिंग बांध रोड के कीचड़मय होने से दोनों मुहल्ले के निवासी सहित राहगीरों को आवागमन में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. गौरतलब है कि जब लोहियानगर में जाम की स्थिति बनती है तो किसनपुर रोड, पिपरा रोड, बैरिया मंच आदि स्थानों के लिए लोग इस मार्ग का उपयोग करते हैं. जिन्हें आवागमन में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. हालात यह है कि मुहल्ले वासियों को 10 कदम दूरी तय करने के लिए 01 किलोमीटर की दूरी का चक्कर लगाकर घर पहुंचने की विवशता बनी हुई है.
बेकार पड़ा है नाला
रिंग बांध रोड पर जल जमाव की समस्या उत्पन्न ना हो लिहाजा नगर परिषद द्वारा रोड के किनारे लाखों रूपये की लागत से नाले का निर्माण कराया गया था. लेकिन नाले के पानी की समुचति निकासी नहीं होने के कारण कुछ दिनों में नाला जाम होकर ध्वस्त होता चला गया. इसके बाद मुहल्लेवासियों के बीच आवगमन की समस्या गंभीर होती रही.
कहती हैं वार्ड पार्षद
वार्ड नंबर दो की वार्ड पार्षद रंजू झा ने बताया कि समस्या के बाबत जिला पदाधिकारी एवं नगर परिषद के अधिकारियों को आवेदन समर्पित कर ध्यान आकृष्ट कराया गया था. नगर परिषद द्वारा उक्त पथ पर मिट्टी एवं राबिस भी डाला गया था. लेकिन समस्या का निदान नहीं हो पाया है. स्थानीय लोग भी इस ओर अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराया है. श्रीमति झा ने कहा कि समस्या के निजात के लिए स्थानीय दर्जनों लोगों के हस्ताक्षरयुक्त आवेदन एक बार फिर जिला पदाधिकारी को सौंपा जायेगा.
हाल के दिनों में रिंग बांध रोड को राजेंद्र नगर चौक की और से मेला रोड की और उंचीकरण कराया गया. उंचीकरण का कार्य आधे से भी कम किये जाने के बाद बरसात का पानी सड़क पर जमा होने लगा. जिस कारण कई स्थानों पर सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गये. जहां आवागमन के दौरान कई राहगीर चोटिल होते रहे. इसके बाद वार्ड नंबर दो की वार्ड पार्षद ने समस्या के बाबत जिलाधिकारी को एक आवेदन समर्पित कर समस्या से निजात की मांग किया.
आवेदन के आलोक में कुछ दिन पूर्व नगर परिषद प्रशासन द्वारा जल जमाव वाले स्थानों पर मिट्टी व ईंट का राबिस डालकर लेवलिंग किया गया. इसके बाद सड़क कि स्थिति और भी दयनीय होती गई. सड़क के एक छोर ओर उंचीकरण होने की वजह से दूसरी छोड़ गड्ढे में तब्दील होता गया. वहीं लागातार वाहनों के परिचालन की वजह अब उक्त पथ पर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है.
ऊंचीकरण के बाद समस्या हुई गंभीर
हाल के दिनों में रिंग बांध रोड को राजेंद्र नगर चौक की और से मेला रोड की और उंचीकरण कराया गया. उंचीकरण का कार्य आधे से भी कम किये जाने के बाद बरसात का पानी सड़क पर जमा होने लगा. जिस कारण कई स्थानों पर सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गये. जहां आवागमन के दौरान कई राहगीर चोटिल होते रहे.
इसके बाद वार्ड नंबर दो की वार्ड पार्षद ने समस्या के बाबत जिलाधिकारी को एक आवेदन समर्पित कर समस्या से निजात की मांग किया. आवेदन के आलोक में कुछ दिन पूर्व नगर परिषद प्रशासन द्वारा जल जमाव वाले स्थानों पर मिट्टी व ईंट का राबिस डालकर लेवलिंग किया गया. इसके बाद सड़क कि स्थिति और भी दयनीय होती गई. सड़क के एक छोर ओर उंचीकरण होने की वजह से दूसरी छोड़ गड्ढे में तब्दील होता गया. वहीं लागातार वाहनों के परिचालन की वजह अब उक्त पथ पर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है.

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