सीवान : पचरुखी के खाद व्यवसायी हरिशंकर सिंह की हत्या के मामले में उनकी पत्नी ज्योति की गवाही मंगलवार को एडीजे दो अवधेश कुमार दूबे की अदालत में हुई. गवाही के दौरान हरिशंकर के विधवा के रोने से माहौल गमगीन हो गया. इधर, जज के समक्ष हरिशंकर की विधवा ज्योति ने कहा कि व्यवसायिक प्रतिद्वंद्विता के कारण मनोज सिंह ने हत्या करवा दी. पूर्व में भी मृतक के पिता सर्वानंद सिंह गवाही के दौरान पूर्व एमएलसी का नाम ले चुके हैं.
परंतु मामले में अब तक पुलिस द्वारा उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल नहीं किया जा सका है. मनोज सिंह के खिलाफ पुलिसिया अनुसंधान जारी है. गवाही के दौरान ज्योति के समक्ष आरोपितों को पेश किया गया. घटना का समर्थन करते हुए ज्योति ने कहा कि एक बड़े नेता के इशारे पर साजिश के तहत मेरे पति की अपराधियों ने पचरुखी रेलवे स्टेशन की प्लेटफाॅर्म संख्या दो से अपहरण कर उनकी हत्या कर दी. बादमाशो ने एक सिल्वर रंग के बोलेरो गाड़ी से 15 नवंबर 2015 को हथियार के बल पर अपहरण कर लिया था. बाद में अपराधियों ने उनकी हत्या कर दी. पुलिस ने जामो थाना के डुमरा गांव के गुलाब राय के खेत से शव का बरामद किया. अनुसंधान में पुलिस को पता चला कि अपहरणकर्ताओं ने हरिशंकर की हत्या फिरौती के लिए की. अपहरण के बाद हरिशंकर को अपराधियों ने जामो थाने के डुमरा में एक मुरगी फार्म में रखा था, जहां बाद में अपहरणकर्ताओं ने नौ टुकड़ों में काट कर उनकी हत्या कर दी. इस दौरान हरिशंकर ने अपहरणकर्ताओं से छोड़ने की दुहाई भी मांगी थी. इस हत्याकांड के मामले में अनिल कुमार सिंह, पप्पू सिंह, अजय कुमार सिंह, प्रिंस कुमार, सविता देवी, परमेंद्र सिंह, अजय सिंह, अरविंद सिंह, नकुल मांझी, मंटू कुमार, कौशलेंद्र प्रताप, महंथ सिंह, झूलन सिंह, गीता देवी व शीला कुमारी आरोपित है. अभियोजन की ओर से एपीपी रघुवर सिंह व वरीय अधिवक्ता बंगाली सिंह तथा बचाव पक्ष की ओर से मनान अहमद, सुभाष्कर पांडे व अरुण सिन्हा ने गवाहों की जिरह की.