सीवान : मुफस्सिल थाने के मोहम्मदपुर गांव के प्रमोद कुमार यादव की मौत के गम में पूरा गांव डूबा हुआ है. सुबह प्रमोद के शव गांव आने पर कोहराम मच गया. लेकिन, जब यहां आये अधिकारियों ने प्रमोद के आतंकियों के निशाने बनने के बजाय खुद को गोली मार लेने की जानकारी दी, तो यह सुन कर वहां मौजूद परिवार के सदस्य भड़क गये.
परिजनों का कहना था कि दो दिन पूर्व आयी सूचना में प्रमोद के ड्यूटी के दौरान आतंकी के गोली से मौत होने की खबर दी गयी थी. आखिर अधिकारी अपने ही बयान पर क्यों पलट रहे हैं? प्रमोद की हत्या है या आत्महत्या. यह अब जांच का विषय है. लेकिन, यह सच है कि गांव वालों ने अपने बीच के एक होनहार युवा को खोया है.
शव लेकर आये बीएसएफ की टीम ने कहा, प्रमोद ने खुद को मारी गोली
गोपालगंज-सीवान मार्ग जाम कर किया प्रदर्शन
आक्रोशित ग्रामीण प्रमोद का शव कंधे पर लिये प्रदर्शन के लिए गोपालगंज-सीवान मार्ग की तरफ चल पड़े. दो किलोमीटर की दूरी तय कर सरसर गांव स्थित मुख्य मार्ग पर पहुंच कर शव को रख ग्रामीणों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया. प्रदर्शनकारियों में शामिल प्रमोद के भाई कैलाश ने आरोप लगाया कि मेरे भाई को कमांडेंट लगातार परेशान करता था. इसकी हत्या कर दी गयी है. इसकी जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. ग्रामीण प्रमोद को शहीद का दर्जा देते हुए सभी सुविधाएं देने की मांग कर रहे थे. प्रदर्शन के कारण मुख्य मार्ग पर वाहनों का आवागमन ठप हो गया. सूचना पाकर मुफस्सिल थानाध्यक्ष विनय प्रताप सिंह, सदर एसडीओ भूपेंद्र प्रसाद यादव, डीएसपी कृष्ण मुरारी, एएसपी कार्तिकेय शर्मा मौके पर पहुंच आये. उधर, शव आने की सूचना पाकर सांसद ओमप्रकाश यादव, जिला पर्षद अध्यक्ष संगीता देवी भी मौके पर पहुंचीं. जनप्रतिनिधियों ने समझा कर लोगों से जाम समाप्त कराने का आग्रह किया. इसके बाद भी लोग डीएम व एसपी को बुलाने की मांग पर डटे रहे, जिसके चलते छह घंटे बाद अपराह्न साढ़े तीन बजे अधिकारियों के आश्वासन के बाद जाम समाप्त हुआ. डीएम महेंद्र कुमार व एसपी सौरभ कुमार साह ने आश्वासन दिया कि सभी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार कर निदान की हर संभव कोशिश की जायेगी.