हादसा . एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत की खबर सुन हर कोई सदमे में
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हे भगवान! ऐसा दिन अब मत दिखाना
हादसा . एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत की खबर सुन हर कोई सदमे में सीवान : हर चेहरे पर मातम व खामोशी. इसके बीच से रह-रह कर सन्नाटें को चीरती चीख-पुकार व क्रंदन. ये हालात थे सोमवार की दोपहर बाद एक बजे के. ट्रेन हादसे में अपना सब कुछ लुटा चुके सुबोध […]
सीवान : हर चेहरे पर मातम व खामोशी. इसके बीच से रह-रह कर सन्नाटें को चीरती चीख-पुकार व क्रंदन. ये हालात थे सोमवार की दोपहर बाद एक बजे के. ट्रेन हादसे में अपना सब कुछ लुटा चुके सुबोध सिंह की पत्नी रत्निका सिंह व दोनों बेटियाें श्रुति व श्रेया के शव पचरुखी प्रखंड के हकमा गांव में जब पहुंचे, तो कोहराम मच गया. घर की महिलाओं की चीख-पुकार को सुन कर ऐसा लग रहा था कि पूरा गांव रो पड़ा हो. घर के सदस्यों व यहां आये रिश्तेदारों की तो सिसकियां नहीं रुक रही थीं. इन सबके बीच एक खामोश चेहरा था सुबोध सिंह का, जिसने अपने दो मासूम बेटियों व पत्नी को आंखों के सामने ही ट्रेन हादसे में खो दिया था. उन्हें देख ऐसे लग रहा था कि उनके आंखों का आंसू बह कर सूख चुके हों.
सड़क मार्ग से पहुंचे घर : उत्तर-पूर्व रेलवे के झांसी-कानपुर रेलखंड पर पोखराया स्टेशन के समीप ट्रेन हादसे में शिकार हुआ सुबोध सिंह का परिवार सड़क मार्ग से गांव हकमा लाया गया. भारत सरकार के एंबुलेंस से सुबोध सिंह की पत्नी रत्निका सिंह व बेटी श्रुति(05)व श्रेया (03) का शव लाया गया. साथ में एक अन्य वाहन पर सुबोध सिंह व उनके भाई तथा परिवार के अन्य सदस्य थे.
शव आने की सूचना पर हर कोई दौड़ पड़ा हकमा गांव : इंदौर-पटना एक्सप्रेस के हादसे के 24 घंटे बाद भी हकमा समेत आसपास के गांवों में घटना की चर्चा सबकी जुबान पर थी. एक ही परिवार के तीन मौत की खबर सुन कर हर कोई सदमे में था. अब सबकी नजर विपदा का शिकार हुए परिजनों पर थी. हादसे के शिकार परिवार के मृत तीन सदस्यों के गांव आने की सूचना मिलते ही आसपास के गांव के लोग भी दौड़ पड़े. यहां हर किसी की आंखें शव वाहन से उतरते ही नम हो गयीं.
विलाप करतीं महिलाओं से शोक में डूबा गांव : अपराह्न एक बजे शव पहुंचते ही कोहराम मच गया. मृतका रत्निका सिंह व उनकी दो बेटियों श्रुति व श्रेया के शवों पर सुबोध सिंह की बहन शशि देवी व संध्या देवी दहाड़ मार कर रो रही थीं. उनके रोने की आवाज सुन कर यहां मौजूद सुबोध के भाई प्रमोद सिंह व कुमोद सिंह भी रो पड़े. मृत रत्निका सिंह के ससुर भगवती शरण सिंह हादसे के बाद से ही सदमे में हैं.
सभी आंखें थीं नम चारों ओर मची थी चीख-पुकार
सदमे में डूबे परिवार को लोगों ने दी सांत्वना
तरवारा जीवी नगर थाना क्षेत्र के हकमा गांव निवासी सुबोध सिंह की 32 वर्षीया पत्नी रत्निका सिंह व पुत्री श्रुति तथा श्रेया की मौत के बाद शव गांव आने पर लोगों का यहां जमावड़ा लगा रहा. ग्रामीण अरविंद कुमार सिंह, रवींद्र कुमार सिंह, अवधेश सिंह, अनिल सिंह, अजीत सिंह, अजय सिंह, मनंजय सिंह, पप्पू भारती, विनोद शर्मा, राजेश सिंह ने बताया की यह बहुत दुःखद घटना है. जिस परिवार में आज तिलक समारोह था उसी परिवार के तीन लोगों की अरथियां एक साथ उठने से ग्रामीणों में शोक है.
सभी ग्रामीण पीड़ित परिजनों को सांत्वना दे रहे थे. साथ ही मृतकों की आत्मा की शांति के लिए भगवान से प्रार्थना की कि इस दुःख की घड़ी में भगवान परिजनों को शक्ति प्रदान करें. इस घटना की खबर पर लोजपा जिलाध्यक्ष अभिषेक सिंह, छात्र लोजपा प्रदेश महासचिव अलसउद अहमद, प्रखंड अध्यक्ष पचरुखी अरविंद गुप्ता, दलित सेना जिला अध्यक्ष सुनील पासवान, युवा नेता अजय राय, राकेश चौबे व भरतपुरा पंचायत के मुखिया अशोक शर्मा के अलावा भाजपा के प्रदीप कुमार रोज,
हम के राजीव रंजन राजू ने उपस्थित होकर मृतक के परिजनों को ढाढ़स बंधाया. इस घटना को लेकर पचरुखी सीओ गिन्नीलाल प्रसाद, जीबी नगर पुलिस निरीक्षक सह थानाध्यक्ष ललन कुमार समेत कई प्रशासनिक पदाधिकारी मौजूद रहे.
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