सीवान : जेएनयू के छात्रसंघ अध्यक्ष चंद्रशेखर की हत्या के सह आरोपित इलहाम वारिश उर्फ मिंटू को एडीएजे पांच के कोर्ट से एक अन्य मारपीट के मामले में साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया. गोलीकांड की यह घटना 21 वर्ष पूर्व की है. जीरादेई थाने के चांदपाली निवासी इलहाम वारिश उर्फ मिंटू जेएनयू के छात्रसंघ अध्यक्ष चंद्रशेखर की हत्या के मामले में मंडल कारा में बंद है.
मिंटू के ऊपर 6 जून 1994 को गांव के मो.राजा पर हत्या की नीयत से गोली चलाने की प्राथमिकी दर्ज हुई थी. इसमें अन्य पैगाम वारिश उर्फ पिंटू, तौहिद हसन व मो.रसूल भी आरोपित हैं. इस मामले में 21 वर्ष तक कोर्ट में सुनवाई चली. इसके अंत में एडीजे पांच मो. एजाजुद्दीन के कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में मिंटू को बरी कर दिया. अभियोजन पक्ष की तरफ से अपर लोक अभियोजक कपिल देव यादव व बचाव पक्ष की तरफ से वीरेंद्र सिंह व राजेश सिंह अधिवक्ता रहे.