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खुलेगा ट्रैफिक थाना, जाम से मिलेगी निजात

मांगी गयी रिपोर्ट. बढ़ेंगे ट्रैफिक संसाधन, संख्या बल व लगेंगे ट्रैफिक िसगनल, इंस्पेक्टर होंगे थानेदार सूबे के सभी जिलों में ट्रैफिक थाना खोलने की कवायद तेज हो गयी है. पुलिस मुख्यालय ने सभी एसपी से इसकी रिपोर्ट मांगी है. साथ ही थाने के लिए जमीन चिह्नित कर बताने को कहा गया है. वहीं आवश्यक सिगनल […]

मांगी गयी रिपोर्ट. बढ़ेंगे ट्रैफिक संसाधन, संख्या बल व लगेंगे ट्रैफिक िसगनल, इंस्पेक्टर होंगे थानेदार
सूबे के सभी जिलों में ट्रैफिक थाना खोलने की कवायद तेज हो गयी है. पुलिस मुख्यालय ने सभी एसपी से इसकी रिपोर्ट मांगी है. साथ ही थाने के लिए जमीन चिह्नित कर बताने को कहा गया है. वहीं आवश्यक सिगनल व ट्रैफिक संसाधनों के संबंध में भी विस्तृत रिपोर्ट तलब की गयी है. सीवान में भी अलग ट्रैफिक थाना खुलेगा, जिसकी कमान इंस्पेक्टर के जिम्मे होगी. इससे शहर की ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त तो होगी ही, लोगों को आये दिन लगनेवाले महाजाम से भी निजात मिल सकेगी.
लचर ट्रैफिक व्यवस्था है जाम का कारण
आये दिन होता है नो इंट्री का उल्लंघन
आलोक कुमार
सीवान : उत्तर बिहार में सबसे तेज गति से बढ़ रहे शहरों में एक सीवान शहर का नाम आता है. लेकिन इसके साथ ही आये दिन लगनेवाले महाजाम से इस शहर की पहचान होती है, जिससे राहगीर परेशान रहते हैं. इसका एक बड़ा कारण लचर ट्रैफिक व्यवस्था व संसाधनों का अभाव है.
चार थानों के भरोसे शहर की ट्रैफिक : शहर की ट्रैफिक व्यवस्था के लिए एक एसआइ को ट्रैफिक इंचार्ज तो बनाया गया है लेकिन उसके अधिकार सीमित है. इसके साथ ही शहर के चार थानों पर ट्रैफिक व्यवस्था की जिम्मेवारी है. नगर थाने के अलावे मुफस्सिल, सराय ओपी, महादेवा ओपी पर भी ट्रैफिक व्यवस्था को रेगुलेट करने की जिम्मेवारी है. ट्रैफिक व्यवस्था में संबंधित थानों से भी पुलिस कर्मी ड्यूटी पर रहते हैं. जिन पर ट्रैफिक इंचार्ज का कोई विशेष पकड़ नहीं होती. वहीं थानाध्यक्ष भी ट्रैफिक इंचार्ज पर ठीकरा फोड़ते नजर आते हैं.
नो इंट्री का होता है उल्लंघन : शहर में नो इंट्री का खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन देखने को मिलता है. नियमों को ताक पर रख कर बड़े व्यावसायिक वाहन धड़ल्ले से नो इंट्री के समय में भी चलते रहते हैं, जिससे जाम लग जाता है. और लोगों को घंटों जाम में फंसे रहना पड़ता है. ट्रैफिक पोस्ट पर तैनात कर्मी हाथ गरम होने पर वाहन को नो इंट्री क्षेत्र से बाहर निकाल देते हैं. ट्रैफिक इंचार्ज और थाना नो इंट्री के उल्लंघन के संबंध में एक दूसरे पर आरोप लगाते रहते हैं.
क्या होगा फायदा : ट्रैफिक थाना स्थापित होने से शहर की ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार होगा. लोगों को जाम से निजात मिलेगी. इसके साथ ही ट्रैफिक में लगे कर्मी जिम्मेवार होंगे. जो ट्रैफिक इंस्पेक्टर के अधीन होंगे. इससे काम के प्रति जवाबदेही तय होगी. साथ ही व्यवस्था में लगी स्थानीय थाना पुलिस भी इससे मुक्त होगी. वहीं वरीय अधिकारी होने के नाते ट्रैफिक इंस्पेक्टर स्थानीय थाने से सहयोग ले सकेंगे और उन्हें निर्देशित भी कर सकेंगे.
क्या कहते हैं एसपी
शहर में शीघ्र ही ट्रैफिक थाना खुलेगा. इसके लिए कार्रवाई शुरू कर दी गयी है. थाने की कमान इंस्पेक्टर के जिम्मे होगी. ट्रैफिक थाना खुल जाने से शहर की ट्रैफिक व्यवस्था सुधरेगी.
राजेश कुमार, पुलिस कप्तान, सीवान
क्या है योजना
नगर में एक ट्रैफिक थाना खोलने की कवायद तेज हो गयी है, जिसके लिए संसाधनों की लिस्ट भी तैयार हो रही है. बबुनिया रोड स्थित आडा नंबर दो में ट्रैफिक थाने के लिए जमीन चिह्नित किया गया है. थाने के इंचार्ज आरक्षी निरीक्षक होंगे. जिनके अधीन चार सब इंस्पेक्टर व एएसआइ और पुलिस बल भी तैनात होंगे. शहर में जगह- जगह ट्रैफिक पोस्ट बनाने और इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल आदि लगाने की भी योजना है.

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