विडंबना. पिछले एक माह में एक छटांक गेहूं की भी नहीं हुई खरीद
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औंधे मुंह गिरा गेहूं खरीद का सरकारी इंतजाम
विडंबना. पिछले एक माह में एक छटांक गेहूं की भी नहीं हुई खरीद बाजार में मिल रही है अधिक कीमत 18 अप्रैल से लेकर 31 जुलाई तक चालू रहेंगे क्रय केंद्र सीवान : धान क्रय के सरकारी लक्ष्य को पूरा करने में विफल रहे विभाग के सामने से गेहूं की खरीद और बड़ी चुनौती बन […]
बाजार में मिल रही है अधिक कीमत
18 अप्रैल से लेकर 31 जुलाई तक चालू रहेंगे क्रय केंद्र
सीवान : धान क्रय के सरकारी लक्ष्य को पूरा करने में विफल रहे विभाग के सामने से गेहूं की खरीद और बड़ी चुनौती बन गयी है. गेहूं की खरीद के लिए क्रय केंद्र चालू होने का पिछले एक माह से अधिक का वक्त गुजर जाने के बाद भी अब तक एक छटांक गेहूं की भी खरीद नहीं हुई है. इसको लेकर क्रय केंद्र से लेकर संबंधित विभाग के पदाधिकारी तक परेशान हैं. सरकार द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य पर धान व गेहूं की खरीद की जाती है. इसके लिए सरकारी क्रय एजेंसियां काम करती हैं. इसमें प्रमुख जिम्मेदारी प्रत्येक पंचायत के पैक्स व व्यापार मंडल को दी गयी है.
उन्हें गेहूं की खरीद के बाद 48 घंटे के अंदर उसका भुगतान किसान के संबंधित खाते में कर दिये जाने का आदेश है. इसके विपरीत हालात ये हैं कि जिले में कोई भी केंद्र कार्यरूप में नजर नहीं आ रहा है.
315 केंद्रों के जिम्मे 14 हजार एमटी खरीद का लक्ष्य : जिले में इस बार रबी विपणन मौसम 2016-17 में किसानों से गेहूं खरीद का लक्ष्य 14 हजार एमटी रखा गया है. इस कार्य के लिए विभिन्न विभागों के 315 केंद्रों को जिम्मेदारी दी गयी है. इसमें 293 पंचायत पैक्स, तीन नगर पंचायत पैक्स व 19 व्यापार मंडलों को लगाया गया है.
यह भी व्यवस्था की गयी है कि जिन पंचायतों के पैक्स डिफाॅल्टर घोषित हैं, वहां किसान तत्काल प्रखंड के व्यापार मंडल के क्रय केंद्र को गेहूं देंगे. किसानों के ऑनलाइन पंजीकरण आधारित डाटाबेस पर ही गेहूं क्रय का इंतजाम किया गया है. वहीं, जिनका नाम डाटाबेस में नहीं दर्ज है, वे ऑनलाइन दर्ज करा सकते हैं. इसका सत्यापन संबंधित प्रखंड के सहकारिता प्रसार पदाधिकारी द्वारा किया जायेगा. इसके बाद जिला सहकारिता पदाधिकारी के माध्यम से उसका अनुमोदन जिला टास्क फोर्स समिति से होगा.
नहीं हो रही किसी केंद्र पर खरीद : गेहूं क्रय केंद्र कागजों पर 18 अप्रैल से ही चल रहा है.
इसे आगामी 31 जुलाई तक खरीदने का निर्देश दिया गया है. इसका भारत सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य 1525 रुपये क्विंटल निर्धारित किया गया है. क्रय केंद्र प्रभारी को प्रत्येक दिन खरीद किये गये गेहूं की जानकारी देने का भी आदेश है. इसके मुताबिक सरकारी स्तर पर गेहूं खरीद की सूचना कहीं से नहीं मिल रही है. अधिकतर केंद्रों पर ताला लटका रह रहा है. केंद्रों पर गेहूं खरीद से संबंधित बैनर तल नहीं लगे हैं.
अधिक कीमत पर बाजार में बिक रहा गेहूं : किसानों का कहना है कि सरकार द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य से अधिक कीमत पर बाजार में गेहूं की बिक्री हो रही है. खास बात है कि कारोबारी बड़े किसानों के दरवाजे से नकद गेहूं की खरीद कर लेते हैं. किसानों को तत्काल भुगतान के साथ ही अधिक कीमत भी मिल जाती है. इससे क्रय केंद्रों का चक्कर लगाने की मजबूरी समाप्त हो जाती है. उधर, हाल यह है कि समर्थन मूल्य के अतिरिक्त कोई बोनस की घोषणा नहीं किये जाने से भी किसान क्रय केंद्र पर गेहूं बेचने के प्रति उदासीन हैं.
क्या कहते हैं पदाधिकारी
जिले के क्रय केंद्र निर्धारित समय से ही चालू हैं. वहां गेहूं खरीद के लिए सभी इंतजाम किये गये हैं. इसके बावजूद खरीद के प्रति किसानों की उदासीनता के चलते प्रगति नहीं हो रही है. किसानों को इसके लिए प्रेरित किया जा रहा है. गेहूं बेचने पर निर्धारित समय सीमा में भुगतान कर देने के लिए आवश्यक निर्देश भी जारी किये गये हैं.
जिला सहकारिता पदाधिकारी, सीवान
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