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विरोध. सेना के पूर्व जवान की हत्या के खिलाफ ग्रामीणाें ने जताया आक्रोश, सड़क पर उतर कर किया हंगामा

दो कट्ठे जमीन के लिए दो भाइयों की गयी जान घटना के लिए लोग पुलिस को मान रहे थे जिम्मेवार थानाध्यक्ष के निलंबन के बाद लोग हुए शांत सीवान : दरौली थाना क्षेत्र के खापपुनक गांव की गलियां सूनी है़ं. हर चेहरे पर दो भाइयों की हत्या को लेकर खौफ व गुस्सा साफ नजर आता […]

दो कट्ठे जमीन के लिए दो भाइयों की गयी जान

घटना के लिए लोग पुलिस को मान रहे थे जिम्मेवार
थानाध्यक्ष के निलंबन के बाद लोग हुए शांत
सीवान : दरौली थाना क्षेत्र के खापपुनक गांव की गलियां सूनी है़ं. हर चेहरे पर दो भाइयों की हत्या को लेकर खौफ व गुस्सा साफ नजर आता है़ मंगलवार को लोग अपनी नाराजगी जताने के लिए सड़क पर उतर पड़े. मालूम हो कि कुछ लोगों ने दिनदहाड़े रामविलास सिंह की गोली मार कर हत्या कर दी थी.
यह घटना अभी लोग भूले भी नहीं थे कि पांच माह 16 दिन बाद रामविलास के छोटे भाई राधाकृष्ण को मौत की नींद उन्हीं परिवार के लोगों ने सुला दी़. राधाकृष्ण की हत्या के दूसरे दिन मंगलवार को लोगों का गुस्सा सड़क पर साफ दिखा़.
हर तरफ लोगों ने घटना के लिए पुलिस को जिम्मेवार ठहराया तथा जम कर हंगामा किया. आखिरकार आक्रोशित लोगों का आक्रोश एसपी सौरभ कुमार साह द्वारा सार्वजनिक रूप से दरौली के थानाध्यक्ष के निलंबन की घोषणा के बाद समाप्त हुआ.
पांच घंटे ग्रामीणों ने किया हंगामा
खापपुनक निवासी राधाकृष्ण की हत्या की खबर रात नौ बजे जब ग्रामीणों को मिली. उसके बाद से ही हर तरफ लोगों का आक्रोश दिखा़. बौना चौराहे पर स्थित आर ओ प्लांट के पास ही सोमवार की रात तकरीबन 8.45 बजे गोलियों से दरिंदों ने राधाकृष्ण को छलनी कर दिया़. उन्हें मैरवा स्थित रेफरल अस्पताल में चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया़.
इसके बाद यहां पहुंची मैरवा व दरौली पुलिस को देख ग्रामीण भड़क उठे तथा उन्हें खदेड़ दिया़ दूसरे दिन सुबह शव के पहुंचने पर ग्रामीणों ने परसिया चटृटी पर तथा दूसरी तरफ बौना चट्टी पर भी लोगों ने जाम लगा दिया़. दसके चलते सुबह सात बजे से अपराह्न साढे बारह बजे तक मैरवा-दरौली मुख्य मार्ग पर आवागमन पूरी तरह ठप रहा़.
रामविलास के हत्यारों को संरक्षण दे रही थी पुलिस!
मृतक राधाकृष्ण के भाई रामअवतार ने आरोप लगाया कि पांच माह 16 दिन पूर्व 3 नवंबर, 2015 को मेरे भाई रामविलास की गोली मार कर हत्या कर दी गयी़. इस घटना को गांव के सुरेंद्र सिंह, रवींद्र सिंह, भावनाथ सिंह, केदार राम, भूषण राम व छबिला कुंअर ने अंजाम दिया था़. सुबह उस समय मेरे भाई की हत्या हुई, जब व धान काटने के बाद उसे बांध कर लाने के लिए खेत में गये थे़. इस घटना के बाद भी हत्यारोपित अन्य लोगों को भी मौत की नींद सुला देने की धमकी दे रहे थे़. अगर पुलिस ने सक्रियता दिखायी होती, तो ये हालात नहीं पैदा होते़.
दो कट्ठा जमीन बनी दोहरी हत्या का कारण
मृतक के परिजनों के मुताबिक, उनके घर से पांच सौ मीटर दूर दो कट्ठा जमीन हमलोगों ने बैनामा कराया़ इस पर धान की बोआई की थी़ इसी धान को काटने का उन लोगों ने यह कहते हुए विरोध किया कि यह जमीन हमारी है़.
पुलिस के मुताबिक, रामविलास व राधाकृष्ण की जमीन बैनामा कराने के बाद उसी जमीन को रवींद्र व सुरेंद्र के परिवार के लोगों ने लिखवा लिया़. इसके बाद से ही दोनों परिवारों में तनाव चल रहा था़. लोगों का कहना है कि अगर पुलिस ने पहली घटना के बाद ही सख्त निरोधात्मक कार्रवाई की होती, तो घटना की पुनरावृत्ति नहीं हुई होती.

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