स्थानांतरण व पदोन्नति के चलते महीनों से हैं खाली
अभिलेख स्थानांतरित होने से मुवक्किलों में ऊहापोह
जानकारी के अभाव में नहीं हो रही मुकदमों की पैरवी
सीवान : व्यवहार न्यायालय के चार कोर्ट में न्यायिक पदाधिकारियों के स्थानांतरण व पदोन्नति के चलते ये महीनों से खाली चल रहे हैं, जिसके चलते इन कोर्ट में चल रहे मुकदमों के अभिलेख विभिन्न कोर्ट में स्थानांतरित कर दिये गये हैं. स्थानांतरित हुए अभिलेख किस कोर्ट में गये हैं ,इसकी जानकारी न तो अधिवक्ता को है और न ही मुवक्किलों को. इसके कारण मुकदमों की पैरवी के लिए अधिवक्ता से लेकर उसके ताइद तक चक्कर लगा रहे हैं.
व्यवहार न्यायालय में दर्जन भर कोर्ट हैं, जिसमें से चार कोर्ट लंबे समय से खाली पड़े हैं. हाल यह है कि प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी प्रभाकर झा का पिछले अक्तूबर माह में मोतिहारी के लिए स्थानांतरित हो गया. इसके बाद से अब तक कोई नयी तैनाती नहीं हुई है. प्रथम श्रेणी न्यायायिक दंडाधिकारी डीएन भारद्वाज के पदोन्नति हो जाने से कोर्ट खाली हो गया.
अभिलेख अन्य कोर्ट में स्थानांतरित हो गये. प्रथम श्रेणी न्यायायिक दंडाधिकारी मनोज कुमार श्रीवास्तव की पदोन्नति व संजीव कुमार – 2 की पदोन्नति हो जाने से कोर्ट खाली हो गया है. जिला एवं सत्र न्यायाधिश के आदेशानुसार अभिलेखों को भिन्न- भिन्न कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया है. लेकिन कार्यालय द्वारा क्रमवार संख्या में भिन्न- भिन्न कोर्ट में स्थानांतरित नहीं होने के कारण अधिवक्ता, अधिवक्ता लिपिक व पक्षकार एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय तक दौड़ लगा रहे हैं, लेकिन मुकदमों की सही जानकारी नहीं होने के कारण पैरवी नहीं हो पा रही है. नतीजतन कुछ न्यायालयों द्वारा बंध पत्र रद्द किया जा रहा है. वहीं दूसरी तरफ मुकदमों का निष्पादन नहीं होने से परेशानी हो रही है.