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सदर अस्पताल में मरीजों को नहीं मिल रहीं सुविधाएं

सदर अस्पताल में मरीजों को नहीं मिल रहीं सुविधाएंठंड के मौसम में मरीजों को नहीं मिल रहे कंबल व चादरमरीजों के लिए विभाग ने र्प्याप्त मात्रा में मंगाये हैं चादर व कंबलफोटो 20- वार्ड में बिना चादर व कंबल के भरती मरीज फोटो 21 अधिकारियों को मुंह चिढ़ाता रंग-बिरंगी चादर बिछाने वाला रोस्टरसीवान . सदर […]

सदर अस्पताल में मरीजों को नहीं मिल रहीं सुविधाएंठंड के मौसम में मरीजों को नहीं मिल रहे कंबल व चादरमरीजों के लिए विभाग ने र्प्याप्त मात्रा में मंगाये हैं चादर व कंबलफोटो 20- वार्ड में बिना चादर व कंबल के भरती मरीज फोटो 21 अधिकारियों को मुंह चिढ़ाता रंग-बिरंगी चादर बिछाने वाला रोस्टरसीवान . सदर अस्पताल में इलाज कराने के लिए भरती मरीजों को सरकार द्वारा दी जाने सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. इस कारण भरती विशेष कर गरीब मरीजों को काफी परेशानी होती है. विभाग ने इलाज कराने आनेवाले मरीजों के बेड पर दिन के हिसाब से रंग-बिरंगी चादर बिछाने की व्यवस्था की है. इसके लिए विभाग ने उचित मात्रा में चादर मंगायी हैं, लेकिन किसी दिन भी चादरें रोस्टर के हिसाब से बिछाई नहीं जाती हैं. जब कोई अधिकारी निरीक्षण के लिए आते हैं, तब अधिकारियों को दिखाने के लिए चादरें बिछायी जाती हैं. सबसे आश्चर्य की बात यह है कि मरीजों के बेड पर न तो चादर बिछती है और न ओढ़ने के लिए कंबल मिलता है. इसके बाबजूद प्रतिमाह करीब पांच से छह हजार चादर व अन्य कपड़े धुलने के लिए जाते हैं, जो कपड़े धुलने के लिए जाते हैं, उसका हिसाब सिर्फ महिला वार्ड में रहता है. पुरुष वार्ड का हिसाब-किताब ठेकेदार का कर्मचारी ही देखता है.मरीज को नहीं मिलती गुणवत्तापूर्ण डायट : सदर अस्पताल में भरती होनेवाले मरीजों को विभाग के मेनू के अनुसार डायट नहीं मिलती है. मरीजों को मेनू के अनुसार डायट मिल रही है कि नहीं, इसकी जांच करने वाला कोई नहीं है. ठेकेदार के कर्मचारी जैसे चाहते हैं, वैसी डायट मरीजों को उपलब्ध कराते हैं. महिला वार्ड में तो इलाज कराने आनेवाली महिलाएं बिना भरती के ही इलाज करा कर चली जाती हैं. नियमानुसार मरीज जब तक भरती नहीं होगा, तब तक उसे डायट नहीं मिलेगी. महिला व पुरुष वार्ड में किन-किन मरीजों को डायट दी जायेगी. इसे ठेकेदार के आदमी ही तय करते हैं. नियमानुसार वार्ड इंचार्ज कर्मचारी को प्रतिदिन मरीजों की डायट बनानी चाहिए तथा उसका लेखा-जोखा अपने पास रखना चाहिए, लेकिन व्यावहारिक रूप में ऐसा नहीं है. इस कारण मर्ज के अनुसार मरीजों को डायट नहीं मिल पाती है. डायट की गुणवत्ता की नियमित जांच नहीं होने से उसकी गुणवत्ता अच्छी नहीं रहती है.क्या कहते हैं वार्ड इंचार्ज मरीज के परिजन चादर व कंबल लेकर चले जाते हैं. इसके कारण बेड पर चादरें कम बिछायी जाती हैं.चादर धोने व डायट बनाने का लेखा-जोखा ठेकेदार के कर्मचारी के पास रहता है. मुझे इसका चार्ज कुछ महीने पहले मिला है.रजिस्टर खरीद कर लाया हूं, लेखा-जोखा अपने पास रखने के लिए. फिलहाल सभी रजिस्टर ठेकेदार के कर्मचारी के पास है. रामाशंकर प्रसाद

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