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साक्ष्य के अभाव में जिला पार्षद प्रद्युम्न समेत दो बरी
सीवान : मुन्ना हत्याकांड मामले में षष्टम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ओमप्रकाश सिंह ने जिला पार्षद प्रद्युम्न राय व मनन राय को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया. कोर्ट का यह फैसला 16 वर्ष बाद आया है, जिसमें अन्य दो आरोपितों की मुकदमे की सुनवाई के दौरान पूर्व में ही मौत हो गयी […]
सीवान : मुन्ना हत्याकांड मामले में षष्टम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ओमप्रकाश सिंह ने जिला पार्षद प्रद्युम्न राय व मनन राय को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया.
कोर्ट का यह फैसला 16 वर्ष बाद आया है, जिसमें अन्य दो आरोपितों की मुकदमे की सुनवाई के दौरान पूर्व में ही मौत हो गयी है.
रघुनाथपुर थाने में दर्ज प्राथमिकी संख्या 71/99 में परशुरामपुर गांव के राम इकबाल राय ने अपने बयान में कहा था कि 15 नवंबर, 1999 को दिन एक बजे निखती कलां निवासी सुदामा सिंह,प्रद्युमA राय, प्रमोद राय, मनन राय हथियार लेकर मेरे दरवाजे पर आये. वे मेरे भतीजे ब्रजभूषण राय उर्फ मुन्ना राय को खोज रहे थे. तभी मेरा भतीजा बाहर निकला, तो नामजद अभियुक्तों ने गोली मार कर हत्या कर दी.
इस मामले में न्यायाधीश श्री सिंह ने अभियोजन के तरफ से एपीपी अक्षय लाल यादव व बचाव पक्ष की तरफ से वरीय अधिवक्ता वीरेंद्र सिंह,रामेश्वर सिंह व दीपक श्रीवास्तव की बहस सुनने के बाद साक्ष्य के अभाव में प्रद्युमA राय व मनन राय को रिहा कर दिया.कोर्ट की कार्रवाई के दौरान ही पूर्व में आरोपित सुदामा सिंह व प्रमोद राय की मौत हो चुकी है.
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