पटरी पर नहीं आयी सदर अस्पताल की स्वास्थ्य सेवा, समय पर नहीं आते हैं चिकित्सक
सदर अस्पताल में तोड़-फोड़ व आगजनी की घटना के करीब 50 दिनों बाद भी सदर अस्पताल की स्वास्थ्य सेवा अब तक पटरी पर नहीं आ पायी है. इधर, ग्रामीण क्षेत्रों से इलाज कराने आने वाले मरीजों को इस कारण कालई परेशानी उठानी पड़ रही है. मंगलवार को करीब 11 बजे आर्थोपेडिक्स, शिशु तथा नेत्र रोग के ओपीडी में कोई डॉक्टर नहीं थे.
वहीं दूसरी ओर अस्पताल में मरीजों के पीने के लिए पानी की भी व्यवस्था अब तक नहीं हो पायी है. मालूम हो कि स्वास्थ्य मंत्री रामधनी सिंह ने सीवान दौरे के क्रम में इस मामले को अपने संज्ञान में लेते हुए सीएस का क्लास लिया था. लेकिन कई दिन बीत जाने के बाद भी न तो खराब हैंड पंप ठीक किये गये.
सीवान : सदर अस्पताल में तोड़-फोड़ व आगजनी की घटना के करीब 50 दिन हो गये. उसके बाद भी सदर अस्पताल में स्वास्थ्य सेवा आज तक पटरी पर नहीं आ पायी है. ऐसा कोई भी दिन नहीं रहा है, जिस दिन ओपीडी में डॉक्टरों ने समय से बैठ कर इलाज किया हो. इसके कारण प्रतिदिन ग्रामीण क्षेत्रों से इलाज कराने आने वाले मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.
मंगलवार को करीब 11 बजे आर्थोपेडिक्स, शिशु तथा नेत्र रोग के ओपीडी में कोई डॉक्टर नहीं थे. मरीज परची कटा कर डॉक्टर के आने का इंतजार कर रहे थे. सदर अस्पताल के पैथोलॉजी विभाग में ताला लटका हुआ था. शिशु ओपीडी में एक अनधिकृत व्यक्ति मरीजों का इलाज कर रहा था.उपस्थित नर्स ने बताया कि डीएस छुट्टी पर हैं. प्रभार में डॉ इसरायल हैं. किसी काम से गये हैं.
दोपहर में दो बजे से करीब साढ़े तीन बजे तक सदर अस्पताल के इमरजेसी में कोई चिकित्सक मौजूद नहीं थे. इस दौरान इमरजेंसी में आनेवाले मरीज चिकित्सा के अभाव में छटपटा रहे थे. सदर अस्पताल की व्यवस्था के लिए अस्पताल प्रबंध, उपाधीक्षक व अधीक्षक जैसे महत्वपूर्ण पद बनाये गये हैं, लेकिन लगता है कि इन पदों पर बैठने वाले अधिकारियों को अपना कर्तव्य बोध नहीं है. दो बजे से डॉ कालिका सिंह की ड्यूटी थी. बताया जाता है कि वे किसी ट्रेनिंग में शामिल होने गये हैं.
ठीक नहीं हुआ पंप
सदर अस्पताल में मरीजों को पीने के लिए पानी की व्यवस्था नहीं है. स्वास्थ्य मंत्री रामधनी सिंह ने सीवान दौरे के क्रम में इस मामले को अपने संज्ञान में लेते हुए सीएस का क्लास लिया था. सीएस ने जल्द ठीक कराने का आश्वासन भी दिया था, लेकिन कई दिन बीत जाने के बाद भी न तो खराब हैंड पंप ठीक किये गये और न पेयजल की वैकल्पिक व्यवस्था ही की गयी. सीएस डॉ अनिल कुमार चौधरी ने बताया कि डॉक्टरों की कमी के कारण परेशानी आ रही है. उन्होंने बताया कि हैंड पंप को ठीक करने के लिए पीएचइडी को लिखा गया है.
हीट स्ट्रोक से महिला की हुई मौत
शहर के नया किला महाकाली गली में एक महिला की मौत हीट स्ट्रोक के कारण हो गयी. मृत महिला का नाम नइमा था, जो छोटे मियां की पत्नी थी. बताया जाता है कि मंगलवार को महिला की लू लग जाने से परिजनों ने उपचार के लिए अस्पताल में भरती कराया. मगर महिला को बचाया नहीं जा सका. डॉक्टरों को कहना था कि हीट स्ट्रोक के कारण महिला की मौत हुई है.