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लापरवाही से फंसी नियुक्ति प्रक्रिया
137 नियोजन इकाइयां नहीं करा सकी हैं अभी तक सूची का अनुमोदन 29 मार्च तक कर लेनी थी नियोजन की प्रक्रिया पूरी सीवान : जिले के 141 नियोजन इकाइयों की लापरवाही से सैकड़ों शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में पेच फंस गया है. इससे एक तरफ जहां तय समय पर शिक्षकों का नियोजन नहीं हो सका […]
137 नियोजन इकाइयां नहीं करा सकी हैं अभी तक सूची का अनुमोदन
29 मार्च तक कर लेनी थी नियोजन की प्रक्रिया पूरी
सीवान : जिले के 141 नियोजन इकाइयों की लापरवाही से सैकड़ों शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में पेच फंस गया है. इससे एक तरफ जहां तय समय पर शिक्षकों का नियोजन नहीं हो सका हैं, वही सरकार के समय पर नियोजन कार्य पूरा करने का दावा खोखला साबित हो रहा है. इन नियोजन इकाइयों में चार प्रखंड व 137 पंचायत नियोजन इकाइयां शामिल हैं.
विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार पंचायत प्रारंभिक शिक्षक (नियोजन एवं सेवा शर्त)2012 तथा संशोधित नियोजन नियमावली, 2014 के अनुसार तय समय सीमा 29 मार्च तक नियोजन कार्य पूरा कर लेना था. इसके लिए उन्हें 27 मार्च तक जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय को अंतिम मेधा सूची भेज कर सूची का अनुमोदन करा लेना था.
परंतु सभी निर्देशों को ताक पर रख कर इन नियोजन इकाइयों द्वारा अनुमोदन के कार्य को नहीं कराया जा सका है. इधर अभ्यर्थियों के हित को ध्यान में रख कर शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव ने जिला पदाधिकारी को हर हाल में 10 अप्रैल तक मेधा सूची को अनुमोदित कराने का निर्देश दिया है. वही नियोजन प्रक्रिया को 15 अप्रैल तक पूर्ण कर लेने का भी निर्देश दिया है. वही 17 अप्रैल तक बहाली प्रक्रिया के प्रतिवेदन को स्थापना कार्यालय में जमा कर देना हैं.
इस कार्य में जो प्रखंड नियोजन इकाइयां फिसड्डी साबित हुई हैं , उनमें दरौली, दरौंदा, रघुनाथपुर व बड़हरिया शामिल हैं. वही गोरेयाकोठी के चार, लकड़ी नबीगंज के सात, भगवानपुर के एक, महाराजगंज के पंद्रह, दरौंदा के दो, बड़हरिया के चौबीस, पचरूखी के बारह, हसनपुरा के दो, सिसवन के एक, रघुनाथपुर के पंद्रह, आंदर के ग्यारह, दरौली के चौदह, गुठनी के पांच, नौतन के दो, मैरवा के एक, हुसैनगंज के ग्यारह व जीरादेई प्रखंड की तेरह पंचायतों में नियोजन इकाइयां शामिल हैं. इन नियोजन इकाइयों को बढ़ायी गयीं, समय सीमा के भीतर अंतिम तौर पर मेधा सूची का अनुमोदन कराने के लिए प्रखंड विकास पदाधिकारी सह नियोजन इकाई के सचिव को डीइओ कार्यालय द्वारा पत्र भेजा गया है.
बताते चलें कि जिले की 293 पंचायतों में से 241 पंचायतों में नियोजन कार्य होना था, जिसमें से 100 पंचायतों द्वारा मेधा सूची का अनुमोदन करा लिया गया है. जबकि 137 पंचायत नियोजन इकाइयां व चार प्रखंड नियोजन इकाइयां फिसड्डी साबित हुई है. सबसे आश्चर्य जनक बात यह है कि जिन नियोजन इकाइयों द्वारा ससमय मेधा सूची का अनुमोदन करा लिया गया है, उनके द्वारा किये गये नियोजन की जानकारी स्थापना कार्यालय को नहीं है.
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