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कहीं बुझा चूल्हा, तो कहीं मिली गंदगी

हाल विद्यालयों में चल रही मध्याह्न् भोजन योजना का, एमडीएम से वंचित हैं अधिकतर छात्र सीवान : प्राथमिक व मध्य विद्यालय के छात्रों को मध्याह्न् भोजन उपलब्ध कराने की सरकारी मंशा पर प्रधानाध्यापक व विभागीय अधिकारी ही पानी फेरने में लगे हैं. जिले के कई विद्यालयों का चूल्हा कई दिनों से बुझा पड़ा है, तो […]

हाल विद्यालयों में चल रही मध्याह्न् भोजन योजना का, एमडीएम से वंचित हैं अधिकतर छात्र
सीवान : प्राथमिक व मध्य विद्यालय के छात्रों को मध्याह्न् भोजन उपलब्ध कराने की सरकारी मंशा पर प्रधानाध्यापक व विभागीय अधिकारी ही पानी फेरने में लगे हैं. जिले के कई विद्यालयों का चूल्हा कई दिनों से बुझा पड़ा है, तो कहीं गंदगी व गुणवत्ता की अनदेखी से बच्चों को भोजन कुपोषित कर रहा है.
चखनी पंजी का कहीं भी प्रयोग होता ही नहीं है. बुधवार को ‘प्रभात खबर टोली’ ने जिले के प्राथमिक व मध्य विद्यालय में दोपहर को छात्रों के बननेवाले भोजन की हकीकत का आकलन किया. इस दौरान दिखी तसवीर को देख योजना के अनुपालन में बरती जा रही मनमानी का आकलन हर कोई कर सकता है. इन विद्यालयों में से चंद संस्थाओं की प्रस्तुत है लाइव रिपोर्ट.
राजकीय मध्य विद्यालय, बेलहटा, नगर क्षेत्र
समय अपराह्न् 12 बजे
विद्यालय में नामांकित बच्चों की संख्या 99 है, जिनमें से आधा दर्जन बच्चे ही उपस्थित थे.प्रधानाध्यापिका मंजु पाल ने कहा कि जगह के अभाव में यहां कभी भोजन नहीं बनता है. पांच शिक्षक व दो कमरे हैं. भोजन न बनने की सूचना से जिला पदाधिकारी व जिला शिक्षा पदाधिकारी को अवगत करा दिया गया है. शिक्षा समिति भी इस संबंध में विभाग को कई बार लिख चुकी है. हालात यह हैं कि विभागीय लापरवाही का दंश यहां के नामांकित बच्चे भुगतने को मजबूर हैं.
राजकीय मध्य विद्यालय, श्यामपुर भंटापोखर, सदर
समय अपराह्न् 12 बजे
यहां नामांकित 815 छात्रों में से तकरीबन छह सौ छात्र उपस्थित थे.यहां का चूल्हा गत नौ मार्च से बुझा हुआ है. प्रधानाध्यापक शशि भूषण पांडे ने बताया कि पूर्व में भोजन बनता था. रसोइयों के हड़ताल पर चले जाने से भोजन बनना बाधित है. इसके चलते बच्चों को परेशानी उठानी पड़ रही है. ऐसे में भूखे बच्चों को यहां पढ़ना पड़ रहा है.विभागीय लापरवाही का खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ रहा है.
राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय,जमसिकरी,सदर
समय अपराह्न् 12.15 बजे
यहां नामांकित 356 छात्रों में से 226 ही मौजूद थे. यहां चार रसोइये तैनात है.मेनू के मुताबिक खिचड़ी व चोखा बना था. भोजन बननेवाले रसोई घर के बगल में ही कूड़ा खाना है तथा दूसरी तरफ नाली है, जिसकी दरुगध व कचरे से भोजन भी प्रदूषित हो रहा है. भोजन की गुणवत्ता से विभाग को कोई मतलब नहीं है, जिसके चलते मजबूरन छात्र दूषित भोजन ग्रहण करने को मजबूर हैं. प्रधानाध्यापक दिग्विजय पांडे ने कहा कि उपलब्ध खाद्य सामग्री के अनुसार भोजन बनवाया जाता है.
राजकीय मध्य विद्यालय, श्रीनगर, सदर प्रखंड
समय अपराह्न् 12.30 बजे
विद्यालय में नामांकित बच्चों की संख्या 509 है,जिनमें से उपस्थिति 303 की थी. यहां मार्च के प्रारंभ से चूल्हा बुझा पड़ा है. बच्चों के अभिभावकों द्वारा शिकायत करने पर शिक्षकों ने बताया कि राशन के अभाव में भोजन नहीं बन रहा है. प्रधानाध्यापिका सरोजनी कुमारी ने बताया कि राशन के अभाव में भोजन न बनने की जानकारी विभागीय अधिकारियों को दी जा चुकी है, जिसके चलते अधिकतर बच्चे दोपहर के पहले ही विद्यालय से चले जाते हैं.
राजकीय प्राथमिक विद्यालय, किशुनपुरा, गुठनी
समय अपराह्न् 12.30 बजे
यहां नामांकित छात्रों की संख्या 122 है, जिसमें से एक दर्जन छात्र ही मौके पर मौजूद थे. छात्रों ने बताया कि पिछले तीन माह से मध्याह्न् भोजन नहीं बन रहा है. प्रधानाध्यापक यहां मौजूद नहीं थे. मौजूद एक मात्र शिक्षक खादिम हुसैन ने बताया कि दो शिक्षक बीएलओ की ड्यूटी पर हैं. प्रधानाध्यापक किसी कार्यवश कहीं गये हैं.भोजन न बनने के कारणों को शिक्षक स्पष्ट नहीं कर सके.
प्राथमिक विद्यालय, टिकुलीहरवा, प्रखंड नौतन
समय अपराह्न् 12.30 बजे
यहां नामांकित बच्चे 112 हैं.जिसमें से 58 छात्रों की उपस्थिति थी. यहां पिछले एक माह से मध्याह्न् भोजन नहीं बन रहा है. यहां प्रधानाध्यापक रामविजय प्रताप भानू मौजूद थे,पर दो शिक्षक बिना किसी सूचना के नदारद थे. प्रधानाध्यापक राशन के अभाव में भोजन नहीं बनने की दलील दे रहे हैं.
मध्य विद्यालय सहुली, हसनपुरा प्रखंड
समय अपराह्न् 12.30 बजे
विद्यालय में भोजनावकाश होने के कारण कुल नामांकित छह सौ बच्चों में से कुछेक बच्चे परिसर में खेल रहे थे तो कोई हाथ में पत्तल लेकर खाना खाने के लिए इंतजार कर रहे थे. वहीं शिक्षक परिसर में बैठ कर आराम फरमा रहे थ़े मेनू में हरी सब्जी युक्त खिचड़ी-चोखा देने के जगह एचएम द्वारा खिचड़ी में मात्र दो किलोग्राम के करीब आलू डाल कर खिचड़ी बनवायी गयी थी. चोखा गायब था़ वहीं जब एमडीएम बन कर तैयार हुआ, तो बच्चों को कतार में बैठा कर पत्तल में खिचड़ी परोस दी गयी़ चखनी पंजी का कोई मायने नहीं देखा गया. इस बाबत एचएम चंद्रशेखर प्रसाद ने कहा कि चखनी पंजी का प्रयोग किया जाता है. विलंब से आने के कारण रसोइयों ने कहा कि आज चोखा की जगह खिचड़ी में आलू डाल देने को कहा गया.
राजकीय मध्य विद्यालय, शहीद सराय, नगर क्षेत्र
समय अपराह्न् 1 बजे
यहां नामांकित बच्चों की संख्या 156 है, जिसमें से एक दर्जन छात्र ही मौके पर थे. यहां बताया गया कि पिछले एक फरवरी से भोजन नहीं बन रहा है. प्रधानाध्यापक कार्यवाहक के रूप में तैनात हैं. पूर्व में तैनात प्रधानाध्यापक सेवानिवृत्त हो गये हैं. उनके चार्ज न देने से यहां भोजन बनने का कार्य ठप है. विभागीय मनमानी का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है.भोजन किये बिना ही छात्र पढ़ने को मजबूर हैं.

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