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शिकायत की तो समाधान के साथ मिला सम्मान

सीवान : जिले के लोगों को अपनी शिकायतों को सुलझाने के लिए अधिकारियों के चक्कर लगाने नहीं पड़ रहे हैं. उनके मामलाें का समाधान लोक शिकायत निवारण अधिनियम के तहत हो जा रहा है. इतना ही नहीं शिकायत करने वालों की समस्याओं के समाधान के साथ ही उनको हक और सम्मान भी मिल रहा है. […]

सीवान : जिले के लोगों को अपनी शिकायतों को सुलझाने के लिए अधिकारियों के चक्कर लगाने नहीं पड़ रहे हैं. उनके मामलाें का समाधान लोक शिकायत निवारण अधिनियम के तहत हो जा रहा है. इतना ही नहीं शिकायत करने वालों की समस्याओं के समाधान के साथ ही उनको हक और सम्मान भी मिल रहा है. इस नियम के दो वर्ष पूरे होने पर पटना में आयोजित कार्यक्रम में जिले के अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया, जहां प्रदर्शनी में यहां के सफल मामलों को शामिल किया गया.

लोक शिकायत निवारण नियम के तहत 60 दिनों में ही शिकायत दूर हो जा रहीं हैं. इस नियम की शुरुआत सूबे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वर्ष 2016 में पांच जून को किया था, जिसके बाद से अभी तक जिलास्तरीय लोक शिकायत निवारण कार्यालय व अनुमंडलीय कार्यालय में आठ हजार 155 परिवाद दर्ज किये गये हैं, जिसमें से 4 हजार 21 स्वीकृत हुए हैं. मालूम हो कि इस अधिनियम के दो वर्ष पूरे होने पर 05 जून को पटना में आयोजित प्रदर्शनी में सीवान के दो सफल केसों को शामिल किया गया था, जिसमें सीएम नीतीश कुमार ने हिस्सा लिया था.

इन 44 विभागों के मामलों की होती है शिकायत : कृषि विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, भवन निर्माण विभाग, वाणिज्यकर विभाग, सहकारिता विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग, शिक्षा विभाग, निर्वाचन विभाग, ऊर्जा विभाग, पर्यावरण एवं वन विभाग, वित्त विभाग, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, सामान्य प्रशासन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, गृह विभाग, उद्योग विभाग, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, श्रम संसाधन विभाग, खान एवं भू-तत्व विभाग, विधि विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, पंचायती राज विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, पथ निर्माण विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, समाज कल्याण विभाग, गन्ना उद्योग विभाग, परिवहन विभाग, जल संसाधन विभाग, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, संसदीय कार्य विभाग.
क्या कहते हैं अधिकारी
जिले में दो वर्षों में आठ हजार से अधिक परिवाद दर्ज हुए हैं, जिनमें से चार हजार परिवाद स्वीकृत हुए हैं. इसी में से दो सफल मामलों को पटना भेजा गया था, जो प्रदर्शनी में शामिल किये गये.
कुमार रामानुज, जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, सीवान
शिकायत के बाद 36 हजार रुपये मिली मजदूरी
एक मजदूर की तीन वर्षों की लंबित मजदूरी का भुगतान भी लोक शिकायत निवारण के माध्यम से कराया गया. यह मामला रघुनाथपुर थाने के निखती कला गांव के धीरेंद्र कुमार वर्मा का है. उसने दायर परिवाद में कहा था कि गांव के ही नन्हे सिंह के मुर्गी फार्म में काम किया और उसके बाद भी फार्म मालिक ने निकाल दिया. मजदूरी भी नहीं दी. श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी को मामले से अवगत कराया गया. सुनवाई के बाद दोनों पक्षों में समझौता हुआ. समझौते के तहत तीन वर्षों की मजूदरी का 36 हजार 200 रुपये का भुगतान हुआ. उसने गांव के ही नन्हे सिंह पिता सुशील सिंह के खिलाफ शिकायत की थी.
मुआवजे के रूप में प्रशासन ने दिये 39 हजार 200 रुपये
जिले के हसनपुरा प्रखंड के अरजानीपुर गांव निवासी राजेंद्र बासफोर की पत्नी भगमनिया देवी ने लोक शिकायत निवारण केंद्र में परिवाद दायर किया था कि घर जलने के बाद राहत सामग्री एवं मुआवजा राशि नहीं मिली है. इस मामले की सुनवाई चलने के बाद जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के माध्यम से 39 हजार 200 रुपये का मुआवजा दिया गया. परिवादिनी अंचल सिसवन एवं हसनपुरा के बीच राहत के लिए घूम रही थी. बिहार सरकार की जमीन पर बसे होने के कारण सीओ कार्यालय लाभ नहीं दे रहा था. लोक शिकायत अधिनियम का ही फल है कि परिवादिनी एवं उनके पुत्र को राशि का भुगतान हुआ. इसमें गलत पता लिखने के कारण भी काफी परेशानी हुई थी.

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