सीवान : जेल से अापराधिक घटनाओं को अंजाम दिलाने व रंगदारी की बात लगातार सामने आती रही है. इसी कारण किसी भी चुनाव या बड़ी घटना के बाद सीवान जेल से कैदियों के स्थानांतरण की कार्रवाई होती रही है. साथ ही किसी बड़ी घटना के तार जेल से जोड़े जाते रहे हैं. इस कड़ी में सबसे बड़ी घटना पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या रही थी.
इसमें पहले ही दिन से सीवान जेल चर्चा में रहा था. इस घटना के बाद सीवान जेल में छापेमारी कर दो दर्जन से अधिक मुलाकातियों को जेल गेट से मोबाइल के साथ गिरफ्तार किया गया था. साथ ही अगले ही दिन जेल में बंद कुख्यातों को अलग-अलग जेलों में शिफ्ट किया गया था. इस मामले के खुलासे में अहजरूद्दीन बेग उर्फ लड्डन मियां द्वारा सुपारी देकर हत्या की खुलासे के बाद यह भी स्पष्ट हुआ था कि पत्रकार हत्याकांड को अंजाम दिलाने के करीब दो हफ्ते पहले ही लड्डन मियां सीवान जेल से छूटा था. बाद में इस हत्याकांड की स्क्रिप्ट जेल से लिखे जाने की बात सीबीआई जांच में सामने आयी जब जेल में बंद पूर्व सांसद शहाबुद्दीन को पत्रकार हत्याकांड में 10वां आरोपी बनाते हुए उनके इशारे पर ही हत्या की बात सीबीआई जांच में स्पष्ट हुई.
इसके पूर्व राजीव रोशन हत्याकांड व भाजपा नेता श्रीकांत भारतीय की हत्या में भी सीवान जेल की ओर ही अंगुली उठी थी. सीवान जेल में रहने के दौरान ही यूपी के हरेश पासवान के द्वारा ही श्रीकांत हत्याकांड की साजिश रचे जाने की बात सामने आयी. उसके जेल से निकलने के एक माह ही श्रीकांत की हत्या हो गयी थी और उसके गुर्गे सुपारी किलर अमित कुमार सिंह मोनू उर्फ चवन्नी व उसके तीन सुपारी किलर साथियों द्वारा इस हत्याकांड को अंजाम देने का खुलासा हुआ था.
वहीं, जेल की छापेमारी में बार-बार मोबाइल बरामद होने की घटनाएं सामने आती रही हैं. कुल मिलाकर सीवान जेल से जेल में बंद कुख्यातों द्वारा अापराधिक घटनाओं को अंजाम दिलाने की बात सामने आती रही है. यह जिले की कानून व्यवस्था के साथ ही प्रशासन के लिए भी चुनौती रही है. लेकिन अब तक जिला प्रशासन द्वारा बार-बार लिखे जाने पर भी गृह व कारा विभाग जेल में जैमर नहीं लगा सका है.