विडंबना. प्रभात खबर की टीम को सदर अस्पताल में देख डॉक्टर ने शुरू किया इलाज
सीवान : सूबे की सरकार स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रत्येक माह करोड़ों रुपये खर्च कर रही है ताकि मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सके. परंतु इसमें कोई सुधार नहीं हो रहा है. इसके अलावा साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है ताकि संक्रमण की बीमारी आने वाले मरीजों में नहीं फैल सके. लेकिन हकीकत कुछ और बयां कर रही है.
अस्पताल की चिकित्सकीय व्यवस्था की कौन कहे, साफ-सफाई के साथ-साथ कई तरह की खामियां देखने को मिल रही हैं. शुक्रवार को प्रभात खबर की टीम जब सदर अस्पताल की लाइव रिपोर्टिंग करने पहुंची, तो यहां पर चिकित्सकों की मनमानी देखने को मिली. ओपीडी की कौन कहे, इमरजेंसी में तैनात चिकित्सक व कंपाउंडर मरीजों का इलाज करते हुए नहीं मिले. एक महिला मरीज का इलाज के लिए तड़प रही थी परंतु, इलाज करने के लिए कोई तैयार नहीं था.
महिला का पति डॉक्टर से लेकर कर्मियों तक हाथ जोड़-जोड़ कर इलाज की बात कह रहा था. यही नहीं, इमरजेंसी में उठ रही बदबू ने मरीजों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. यह बदबू इमरजेंसी के दक्षिणी छोर के वार्ड से निकल रही थी. ‘प्रभात खबर’ ने शुक्रवार को सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड से लेकर अन्य वार्ड में पड़ताल की. इसमें कई मामले सामने आये. इमरजेंसी में महिला का इलाज कराने आये परिजन को बदबू से रहा नहीं गया. नाक पर रूमाल बांध कर बाहर निकल गये. प्रभात खबर ने पड़ताल के माध्यम से यहां की एक-एक समस्याओं को जानने की कोशिश की, ताकि इसे सामने
लाया जा सके.
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क्या कहते हैं उपाधीक्षक
लापरवाही की शिकायत मिलेगी, तो कार्रवाई की जायेगी. एसएनसीयू में एक्सपायर अग्निशमन यंत्रों के संबंध में जल्द ही जानकारी लेकर बदल दिया जायेगा. रही बात कुत्ते की तो इसके लिए नगर पर्षद को पत्र लिखा जायेगा ताकि कुत्तों को अस्पताल से हटाया जा सके. एमके आलम, उपाधीक्षक सदर अस्पताल, सीवान.