सीवान : मैरवा-करुछुई स्टेशन के बीच मंगलवार को ट्रेन से मनचलों द्वारा फेंकने की घटना को रोजाना सफर करनेवाली सहेलियों ने अफवाह बताया. उनका कहना है कि छात्र घटना के दिन मंगलवार का व्रत की थी.
उल्टी की शिकायत होने पर वह गेट के पास स्थित बेसिन में गयी थी. इसी दौरान उसे चक्कर आ गया और वह नीचे गिर पड़ी थी. बता दें कि छेनीछापर गांव निवासी सुदामा दूबे की पुत्री ज्योति डीएवी में बीएससी प्रथम वर्ष की छात्र थी.
वह रोजना मैरवा स्टेशन से ट्रेन से सहेलिया के साथ पढ़ने जाती थी. मंगलवार की सुबह भी वह सहेलियों के पढ़ने सीवान गयी थी. दोपहर में वह दिल्ली को जानेवाली लिच्छिवी ट्रेन पकड़ कर मैरवा स्टेशन जा रही थी. अभी ट्रेन करछुई-मैरवा स्टेशन के बीच पहुंची थी कि उसने उल्टी की शिकायत महसूस की. वह उल्टी करने के लिए गेट के पास स्थित बेसिन के पास पहुंची.
इस दौरान उसे अचानक चक्कर आ गया और वह लड़खड़ा कर ट्रेन से बाहर गिर पड़ी. इस घटना ने गांव व बगल के गांव उपाध्याय छापर निवासी उसकी सहेलियों को झकझोर को रख कर दिया. इधर दैनिक समाचारों में प्रकाशित खबर मनचलों ने छात्र को फेंका ट्रेन से, मौत पर उपाध्याया छापर गांव निवासी बिंदू उपाधयाय ने कहा कि यह घटना सरासर गलत है. सहेलियों ने जो कहा है, वही घटना सही है. रही बात इस तरह की खबर के प्रकाशन से समाज में गलत संदेश जा रहा है.