सीवान : बुधवार को एडीजे चार मनोज कुमार तिवारी की अदालत ने दहेज हत्या के मामले में तीन लोगों को सजा सुनायी. इस दौरान जहां पति को दस वर्ष तो वहीं सास व ससुर को सात-सात वर्ष की सजा सुनायी. वहीं, तीन लोगों को साक्ष्य के अभाव में पूर्व में ही बरी कर दिया गया है.
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दहेज हत्या में पति को 10 वर्षों की सजा
सीवान : बुधवार को एडीजे चार मनोज कुमार तिवारी की अदालत ने दहेज हत्या के मामले में तीन लोगों को सजा सुनायी. इस दौरान जहां पति को दस वर्ष तो वहीं सास व ससुर को सात-सात वर्ष की सजा सुनायी. वहीं, तीन लोगों को साक्ष्य के अभाव में पूर्व में ही बरी कर दिया गया […]
बताते चलें कि एमएच नगर थाने के भीखपुर भगवानपुर निवासी राम छबीला सिंह के पुत्र चंद्रमा सिंह ने अपने बयान में कहा था कि भतीजी रिंकी देवी की शादी फरवरी, 2007 में रघुनाथपुर थाने के पतार निवासी वीर बहादुर सिंह के पुत्र मनोज सिंह के साथ हुई थी. दहेज में बोलेरो की मांग को लेकर ससुरालियों ने हत्या कर शव को सरयू नदी में पतार घाट के सामने ईंट में बांध कर डूबो दिया था, जहां से पुलिस ने शव को बरामद किया था. चंद्रमा सिंह ने इस मामलें में पति मनोज सिंह, ससुर वीर बहादुर सिंह, सास ज्ञांती देवी, ननद अंजनी कुमारी, छोटी कुमारी, अंतिमा कुमारी, फुआ आशा देवी व हृदया नारायण सिंह को आरोपित किया था.
पुलिस ने अनुसंधान कर आशा देवी व अंतिमा कुमारी को निर्दोष बताया था. कोर्ट ने दहेज में बोलेरो की मांग के मामले में पति मनोज सिंह को दस वर्ष, ससुर वीर बहादुर सिंह व सास ज्ञांती दवी को सात-सात वर्ष की सजा सुनायी. वहीं, अंजनी कुमारी, छोटी कुमारी व हृदया नारायण सिंह को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया.
सास-ससुर को सात वर्षों की सुनायी गयी सजा
साक्ष्य के अभाव में तीन हो चुके है रिहा
प्रत्येक पर कोर्ट ने लगाया तीस-तीस हजार का जुर्माना
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