महाराजगंज : समेकित बाल विकास परियोजना के तहत महाराजगंज प्रखंड में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों पर शून्य से छह वर्ष से कम उम्र के बच्चों के बेहतर पोषण व प्रारंभिक शिक्षा के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन किया जा रहा है. लेकिन, विभागीय उदासीनता व अधिकारियों की लापरवाही के कारण अधिकतर केंद्रों पर संसाधन और सुविधा का अभाव है.
वहीं, नियमों का पालन भी नहीं हो रहा है. अब तक अधिकांश आंगनबाड़ी केंद्रों को अपना भवन तक नहीं है. इसके तहत महाराजगंज प्रखंड में कुल 179 आंगनबाड़ी केंद्र खोले गये हैं. परंतु, एक अरसे से चल रहे इस कार्यक्रम के बावजूद प्रखंड के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को अपना भवन उपलब्ध नहीं हो सका है. आज भी महाराजगंज प्रखंड के अधिकांश आंगनबाड़ी केंद्र भवन के अभाव में केंद्रों का संचालन कहीं सामुदायिक भवन में तो कहीं निजी दरवाजे पर तो कहीं किराया व अन्य सरकारी भवन में जैसे-तैसे चलाया जा रहा है.
इस कारण उन केंद्रों पर आनेवाले बच्चों के लिए समुचित व्यवस्था नहीं हो पाती है. सरकारी आंकड़ों की मानें, तो अब तक महाराजगंज प्रखंड में मात्र 10 आंगनबाड़ी केंद्रों को ही अपना भवन है. 169 केंद्रों का संचालन अन्य सरकारी भवनों में किया जा रहा है. हालांकि सरकार व विभाग नये आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण के लिए पहल जरूर की है. इसके तहत पिछले दो-चार वर्षों में सरकार द्वारा 10 नये आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए भवन निर्माण का कार्य प्रारंभ किया गया. परंतु, बनने वाले नये 27 केंद्रों के भवन निर्माण के विरुद्ध अब तक मात्र 10 नये आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन का निर्माण ही हो सका है. शेष 142 भवन अब तक निर्माणाधीन है. यहां आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण के लिए भूमि की उपलब्धता भी एक बड़ी समस्या है. भूमि उपलब्ध नहीं होने के कारण यहां के 142 आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन निर्माण का कार्य प्रारंभ नहीं हो पा रहा है. वहीं, जिला प्रशासन द्वारा आयोजित अधिकारियों की बैठक में संबंधित अंचलाधिकारियों को आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन निर्माण के लिए बार-बार भूमि उपलब्ध कराने का निर्देश डीएम द्वारा दिया जाता रहा है. मालूम हो कि महाराजगंज प्रखंड में आंगनबाड़ी केंद्रों पर कुल छह हजार 8 सौ 40 बच्चों एवं 2 हजार 148 अति कुपोषित बच्चों को नाश्ता व भोजन के साथ-साथ विद्यालय पूर्व शिक्षा दी जाती है.
क्या कहते हैं अधिकारी
आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन पंचायत स्तर पर या अलग योजना से बनाये जाते हैं. भवन बनने के बाद भवन को संबंधित विभाग को सौंपा जाता है. अब तक 10 केंद्रों को भवन है. इसमें केंद्र का संचालन हो रहा है. वहीं, 27 केंद्रों का भवन अभी निर्माणाधीन है. शेष 142 आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन निर्माण का कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है. किराये के मकान में चलनेवाले केंद्रों का एक साल का किराया दिया जा रहा है.
बसंत कुमार, सीडीपीओ सह कार्यपालक पदाधिकारी, महाराजगंज