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मिथिला में बाजल बधाई

कार्यक्रम. माता जानकी का मनाया गया जन्मोत्सव सीतामढ़ी : वैशाख शुक्ल पक्ष के नवमी तिथि पर गुरुवार को जानकी जन्म भूमि पुनौरा धाम स्थित सीता कुंड के समीप गुरुवार को ठीक मध्याह्न 12 बजे अभिजित मुहूर्त में जगत जननी मां जानकी जन्मोत्सव मनाया गया. इस अवसर पर भाजपा सांसद प्रभात झा भी मौजूद थे. इसके […]

कार्यक्रम. माता जानकी का मनाया गया जन्मोत्सव

सीतामढ़ी : वैशाख शुक्ल पक्ष के नवमी तिथि पर गुरुवार को जानकी जन्म भूमि पुनौरा धाम स्थित सीता कुंड के समीप गुरुवार को ठीक मध्याह्न 12 बजे अभिजित मुहूर्त में जगत जननी मां जानकी जन्मोत्सव मनाया गया.
इस अवसर पर भाजपा सांसद प्रभात झा भी मौजूद थे. इसके अलावा सैकड़ों महिला-पुरुष श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी थी. ठीक 12 बजे तुलसी पीठाधीश्वर जगतगुरू रामभद्राचार्य जी महाराज के साथ उपस्थित सैकड़ों श्रद्धालु मां जानकी की स्तुति-वंदना की. फिर पूजा-अर्चना की गयी. उसके बाद महाआरती व महाप्रसाद के साथ ही जानकी महोत्सव का समापन हो गया. जगत गुरु ने अगले वर्ष मां जानकी की पवित्र जन्म भूमि पर फिर आने का वचन देकर मिथिला वासियों से विदाई ली.
उपस्थित श्रद्धालुओं ने जगत गुरु को नम आंखों से विदा किया.
याज्ञवल्क्य ऋषि की सलाह पर हुआ हलेष्ठि यज्ञ: इससे पूर्व सीता कुंड पर जगत गुरु ने उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए जानकी जन्म का वर्णन करते हुए बताया कि बेटी धन सर्वोत्तम धन होता है, जो पति के कहने पर भी कभी माता-पिता के विरुद्ध नहीं होती, इसीलिए राजा जनक ने याग्यवल्क्य ऋषि से मिलकर बेटी की इच्छा जतायी.
याग्यवल्क्य ऋषि की सलाह पर राजा जनक ने हलेष्ठि यज्ञ का निर्णय लिया और भगवान शिव से अनुमति लेने के लिए हलेश्वरनाथ शिवलिंग की स्थापना की. पूजा-अर्चना की और ऋषि याग्यवल्क्य द्वारा दिये गये ऋग्वेद के मंत्र के साथ अपनी जेष्ठ पत्नी सुनैना जी के साथ मिलकर हल चलाना प्रारंभ किये. तीनों लोकों के समस्त देवी-देवता व ऋिष-मुनि जानकी के प्राकट्य की प्रतीक्षा कर रहे थे. हल चलाने के दौरान राजा जनक सोमलता के बीज बो रहे थे. वैशाख शुक्ल पक्ष के नवमी तिथि का मंगलवार का दिन था.
ठीक मध्याह्न 12 बजे इसी कुंड पर राजा जानकी का हल सोने के सिंहासन से टकराया. धरती का सीना फाड़ कर मां जानकी प्रकट हुई. प्राकट्य के समय जानकी जी 16 वर्ष की युवती अवस्था में थी और सोने के सिंहासन पर सवार थी. इसीलिए जानकी का एक नाम किशोरी भी है. उनके सिंहासन के इर्द-गिर्द आठ देवियां मौजूद थी. राजा जनक जानकी जी के दर्शन किये और उन्हें प्रणाम कर उनसे कहा कि हे देवी अब आप बाल रूप में आ जायें और हमें सुंदर फल दें. जगत गुरू ने कहा कि मां सीता जहां अटखेलियां करती हैं, उसे माटी कहते हैं. जानकी के जन्म के बाद से ही मिट्टी का नाम माटी पड़ा.
मिथिला का संस्कार लेने विश्व भर से आयेंगे लोग : सांसद श्री झा ने कहा कि पुनौरा धाम विश्व का धरोहर है. जानकी जी उन्हें शक्ति प्रदान करें, ताकि वे जगत गुरू के वचन को पूरा करने में सफलता हासिल कर सके. कहा, यहां विश्व भर से लोग आयेंगे और यहां का संस्कार लेकर जाएंगे. खास कर बेटी के जन्म पर लोग यहां आयेंगे और यहां की मिट्टी को माथे पर लगाकर मां जानकी से आशीर्वाद लेंगे. वह समय जल्द ही आने वाला है. उन्होंने कहा कि मां से बढ़कर कोई नहीं होता है. सीता के बिना किसी का अस्तित्व ही नहीं है.
परिक्रमा में शामिल साधु-संतों का हुआ भव्य स्वागत : सीतामढ़ी: इधर, शहर स्थित जानकी मंदिर में सुबह करीब 9 बजे मंगला आरती का कार्यक्रम हुआ. दिन के करीब 11:30 बजे 84 कोसी परिक्रमा पर निकले साधु-संत लौटकर जानकी मंदिर पहुंचे. श्रद्धालुओं ने परिक्रमा में शामिल साधु-संतों का भव्य स्वागत किया.
बथनाहा. प्रखंड के खैरवी गांव स्थित विराट स्वरूप चारो धाम मंदिर में भी महंत कैलाशी देवी की देख-रेख में भक्ति व आस्था के साथ जानकी जन्मोत्सव मनाया गया, महंत कैलाशी देवी ने बताया कि इस अवसर पर संगीतमय श्री सीताराम नाम जाप यज्ञ का भी आयोजन किया गया.
जानकी महोत्सव पर निकली भव्य निशान शोभायात्रा: सीतामढ़ी.जानकी महोत्सव के अवसर पर गुरुवार को जानकी महोत्सव आयोजन समिति की ओर से भव्य निशान शोभा-यात्रा निकाली गयी.
शोभा यात्रा जानकी मंदिर परिसर से निकल कर जवाहर चौक, महंत साह चौक, बासुश्री सिनेमा चौक व महावीर मंदिर समेत शहर के विभिन्न मार्गों से गुजरकर पुन: जानकी मंदिर पहुंची, जहां बाद में पुरोहित द्वारा वेद मंत्रोच्चार के साथ विधि-विधान पूर्वक मां जानकी की पूजा-अर्चना व आरती की गयी. बता दें कि जन्मोत्सव व इशान शोभा-यात्रा की तैयारी महीनों पूर्व से की जा रही थी. यात्रा में सभी उम्र वर्ग के सैकड़ों महिला व पुरुष श्रद्धालु शामिल हुए.
प्रधानमंत्री को लाने का करेंगे प्रयास : प्रभात झा, सीतामढ़ी øø: जानकी जन्मोत्सव के अवसर पर तुलसी पीठाधीश्वर जगत गुरू राम भद्राचार्य जी महाराज ने अपने संबोधन में मौजूद भाजपा सांसद प्रभात झा से कहा कि वे इस धरती पर जनक की भूमिका में हैं, इसलिए इस पवित्र भूमि के उद्धार के लिए उन्हें आगे आना चाहिए और कम से कम 10 लाख रुपये का सहयोग करना चाहिए. इस पर बिना कोई देरी किये सांसद श्री झा ने कहा कि जगत गुरू की आज्ञा का हर हाल में पालन किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि वे शीघ्र ही पीएम नरेंद्र मोदी से मिलेंगे और पुनौरा धाम के विकास के लिए पीएम का ध्यान आकृष्ट करायेंगे. साथ ही प्रधानमंत्री को पुनौरा बुलाने का भी प्रयास करेंगे. कहा कि जगत गुरू भी शीघ्र ही प्रधानमंत्री से मिलकर पुनौरा धाम को विश्व के मानचित्र पर लाने के लिए उनसे आग्रह करेंगे.

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