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बहनोई ने दी रमण व रजनीश को मुखाग्नि

हत्याकांड . आरोपितों की तलाश में छापेमारी सीतामढ़ी/परसौनी : परसौनी थाना क्षेत्र के परसौनी मैलवार पंचायत अंतर्गत नीलामी टोला वार्ड 15 में शनिवार की सुबह भूमि विवाद में दो सगे भाइयों रजनीश कुमार रंजन उर्फ मुन्ना व रमण कुमार की निर्मम हत्या मामले में परसौनी पुलिस द्वारा हत्यारों की तलाश में लगातार छापेमारी जारी है. […]

हत्याकांड . आरोपितों की तलाश में छापेमारी

सीतामढ़ी/परसौनी : परसौनी थाना क्षेत्र के परसौनी मैलवार पंचायत अंतर्गत नीलामी टोला वार्ड 15 में शनिवार की सुबह भूमि विवाद में दो सगे भाइयों रजनीश कुमार रंजन उर्फ मुन्ना व रमण कुमार की निर्मम हत्या मामले में परसौनी पुलिस द्वारा हत्यारों की तलाश में लगातार छापेमारी जारी है. थानाध्यक्ष लाल बाबू प्रसाद यादव के नेतृत्व में पुलिस की टीम हत्यारों के संभावित ठिकानों के अलावा उसके रिश्तेदारों के घर भी छापेमारी कर रहीं है
. बावजूद इसके पुलिस को सफलता नहीं मिली है. इधर, शनिवार की शाम पुलिस ने पोस्टमार्टम करा मृतक के बहनोई पूर्वी चंपारण जिले के ढाका थाना भुवन छपरा निवासी सरोज कुमार को दोनों का शव सौंप दिया. देर रात गांव में दोनों का अंतिम संस्कार किया गया. दोनों के शव को मुखाग्नि उसके बहनोई ने दी. इधर, घटना के बाद मृतक रजनीश की पत्नी विजेता कुमारी उर्फ गुड़िया कुमारी व बहन आरती प्रिया बदहवास है. गुड़िया के आंसू थम नहीं रहे है. जबकी स्थानीय लोग घटना की निंदा कर रहे है. लोग एक साथ दोनों की हत्या को शर्मनाक बता रहे है.
क्या है मामला
परसौनी मैलवार पंचायत अंतर्गत नीलामी टोला वार्ड 15 स्व़ पुरेंद्र कुमार भविष्य निधि कार्यालय में पटना में नौकरी करते थे. वह सपरिवार पटना रहते थे. इसी दौरान उनकी पत्नी की मौत हो गयी थी. सेवानिवृति के कुछ समय बाद पुरेंद्र कुमार भी चल बसे. इसके बाद उनके दो पुत्रों में रजनीश गांव आकर रहने लगा, जबकी छोटा पुत्र दिल्ली में एमबीए की पढ़ाई करने लगा. पुरेंद्र कुमार का उनके छोटे भाई महेंद्र कुमार के साथ लंबे समय से भूमि विवाद चल रहा था.
वर्ष 1995 में कोर्ट ने दोनों के बीच बंटवारा कर दिया. लेकिन उसके चचेरे हीं उनकी मौत हो गयी. इसके बाद वह अपने पति के साथ गांव पर रह रहीं थी. जबकी देवर रमण नई दिल्ली में एमबीए की पढ़ाई करता था. गुड़िया के अनुसार उसके ससुर पुरेंद्र कुमार का चचेरे ससुर महेंद्र कुमार से भूमि विवाद चल रहा था. वर्ष 1995 में कोर्ट से दोनों के बीच बंटवारा हो गया था. लेकिन उसके चचेरे भाई व उनके बच्चे बंटबारा से नाराज चल रहे थे. दो माह पूर्व महेंद्र कुमार सपरिवार नेपाल चले गये थे. लेकिन शनिवार की सुबह अचानक हेमंत कुमार उर्फ लाल बाबू, धर्मेंद्र कुमार उर्फ छोटू व पवन कुमार उर्फ नन्हें (तीनों भाई) पहुंचे और रजनीश व रमण को घर से बुला कर ले गये. जबकी रजनीश की पत्नी विजेता कुमारी उर्फ गुड़िया को कमरे में बंद कर दिया.
इस दौरान तीनों ने मिलकर पहले लोहे के रड से प्रहार कर रजनीश व रमण को बेहोश कर दिया और बाद में गोली मार कर फरार हो गये. दोनों को जख्मी अवस्था में सदर अस्पताल में भरती कराया गया, जहां चिकित्सक ने रजनीश को मृत करार दिया. वहीं रमण ने निजी क्लिनिक में दम तोड़ दिया. घटना से नाराज लोगों ने परसौनी चौक के पास शव के साथ घंटों उग्र प्रदर्शन किया था.
देर शाम डीएसपी के आश्वासन पर जाम समाप्त हुआ. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा था. घटना की बाबत मृतक रजनीश कुमार की पत्नी विजेता कुमारी उर्फ गुड़िया कुमारी के फर्द बयान पर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी, जिसमें महेंद्र प्रसाद व उसके तीन पुत्र हेमंत कुमार उर्फ लाल बाबू, धर्मेंद्र कुमार उर्फ छोटू व पवन कुमार उर्फ नन्हें समेत चार को आरोपित किया गया है.

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