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मैनेजर को गोली मार लगमा पंप से लूटे थे 12 लाख

खुलासा . सात साल से ताबड़तोड़ घटनाओं को दे रहा अंजाम, केशव के आतंक से उड़ गयी थी पुिलस की नींद सीतामढ़ी : हत्या, अपहरण, लूट व रंगदारी के दर्जनों संगीन मामले में फरार चल रहे प्रतिबंधित न्यू क्षत्रिय संगठन का सरगना सह मेजरगंज थाना के नरहा निवासी देवेंद्र सिंह के पुत्र केशव सिंह ने […]

खुलासा . सात साल से ताबड़तोड़ घटनाओं को दे रहा अंजाम, केशव के आतंक से उड़ गयी थी पुिलस की नींद

सीतामढ़ी : हत्या, अपहरण, लूट व रंगदारी के दर्जनों संगीन मामले में फरार चल रहे प्रतिबंधित न्यू क्षत्रिय संगठन का सरगना सह मेजरगंज थाना के नरहा निवासी देवेंद्र सिंह के पुत्र केशव सिंह ने पुलिस के समक्ष अपने इकबालिया बयान में कई सनसनीखेज खुलासे किया है.
उसने बताया है कि साल 2015 में उसने मुकेश सिंह, राहुल सिंह, लक्ष्मण सहनी, अमित कुमार, पुरूषोत्तम कुमार, राकेश सिंह व विक्की सिंह के साथ मिल कर लगमा स्थित सीताराम पेट्रोल पंप के मैनेजर को गोली मार जख्मी कर 12 लाख रुपये लूटे थे. वहीं इस साल डुमरी कला निवासी अरूण कुमार सिंह उर्फ गली सिंह के कहने पर दोबारा सीताराम पेट्रोलियम के मैनेजर की कार पर हमला कर 12.37 लाख रुपये लूटे थे.
इस घटना में मुकेश व अरूण सिंह के अलावा छह नये लड़के शामिल थे. जिन्हें अरूण सिंह द्वारा लाया गया था. अरूण सिंह तीन-चार दिन पहले से ही उक्त पंप की रेकी कर रहा था. जानकारी थी की शनिवार व रविवार दो दिनों का पैसा सोमवार को बैंक में जमा किया जाता था. पुलिस की पहचान से बचने के लिये केशव व मुकेश सुबह में ही पेट्रोल पंप के सामने स्थित लाइन होटल में पहुंच गये थे.
एक बाइक पर अरूण सिंह व मुकेश सिंह बैठे थे, जबकि दूसरे बाइक पर एक नये लड़के के साथ केशव बैठा था. एक अन्य बाइक पर अरूण सिंह के दो लड़के थे. जबकि तीन लड़कों को सूचना देने के लिये पंप के पास ही छोड़ दिया गया था. तीनों बाइक से ओवरटेक कर मैनेजर की गाड़ी को रोक दिया.
वहीं मुकेश ने कार पर फायरिंग की. मुकेश पैसों से भरा बैग लूट कर भाग निकला. दो बाइक पर सवार लुटेरे रसलपुर होते हुये मुजफ्फरपुर भाग निकले. जबकि एक बाइक पर सवार दो युवक दोबारा पेट्रोल पंप पहुंचे. जहां मौजूद तीनों लड़कों को वापिस जाने का सिग्नल दिया. लूट की रकम को लेकर सभी मुजफ्फरपुर पहुंच गये. जहां दो-दो लाख रुपये आपस में बांट लिया. जबकि नये लड़कों को एक-एक लाख दिया गया. शेष 37 हजार रुपये खाने-पीने में खर्च हो गये. इसके बाद अरूण सिंह तीनों नये लड़कों, बाइक व हथियार लेकर वापस आ गया. केशव ने बताया कि वह अपने साथियों के साथ मिलकर शिवहर जाने वाली कैशवैन व सीतामढ़ी से पकटोला जाने वाली बाजपट्टी रोड में कैशवैन को लूटने की योजना बनायी.
इस क्रम में पांच मार्च को वह कोरलहिया में रेकी करने आया था. जहां वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया. केशव ने बताया है कि वर्ष 2007 में मारपीट के मामले में उसके पिता को पुलिस ने जेल भेज दिया. परिणति स्वरूप उसने गांव के एक व्यक्ति को चाकू मार कर जख्मी कर दिया. मामले में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. जेल में उसकी पहचान नरकटिया निवासी सह न्यू क्षत्रिय संगठन के संस्थापक अरविंद कुमार सिंह से हुई. करीब आठ माह तक जेल में रहने के दौरान ही केशव की पहचान मुकेश सिंह, विक्की सिंह, मनीष बिहारी सिंह व अन्य अपराधियों से पहचान हुई. यहीं से शुरू हुआ केशव का जरायम की दुनिया में प्रवेश. इसके बाद उसने एक से बढ़ कर एक वारदातों को अंजाम देकर सनसनी फैला दी. साथ ही पुलिस की नींद उड़ा दी.
देखते ही देखते वह सीतामढ़ी, शिवहर व चंपारण के इलाकों में अपराध का दुर्नाम चेहरा बन गया. बाद में मुकेश सिंह व विक्की सिंह समेत कई अपराधियों के साथ मिलकर उसने एक राहगीर को लूटने का प्रयास किया. राहगीर के विरोध करने पर उसकी हत्या कर दी. इस मामले में सभी जेल चले गये. जेल से जमानत पर निकलने के बाद केशव घर पर ही रहने लगा. आर्थिक स्थित खराब होने के बाद केशव ने मुकेश सिंह से संपर्क किया. वहीं 2015 में देवनाथ कापड़, पिंटू सिंह, मुकेश सिंह, मनीष सिंह, अरविंद सिंह, प्रिंस कुमार व मनीष बिहारी सिंह के साथ मिल कर केशव ने लगमा के पास एक व्यवसायी को बस से उतार कर नौ लाख रुपये लूट लिये थे. इस मामले में कुछ लोग जेल गये, लेकिन केशव बच गया था.
रंगदारी नहीं मिलने के बाद नाराज केशव ने 20 जून 2016 को मेजरगंज थाना के डुमरी कला के पास कुढ़वा नदी पुल पर ठेकेदार के मुंशी धर्मवीर सिंह की गोली मार कर हत्या कर दी. इसमें मुकेश सिंह व अरविंद सिंह भी शामिल थे. हत्या में प्रयुक्त हथियार को डुमरी कला निवासी प्रेमरंजन सिंह उर्फ बिट्टू सिंह ने बैग में रख कर पहुंचाया था. हत्या में प्रयुक्त बाइक अपाचे नंबर बीआर 30 जे-4310 के साथ भाग रहा अरविंद सिंह पकड़ीदयाल थाना पुलिस के हत्थे चढ़ गया. धर्मवीर सिंह की हत्या के बाद उत्पन्न दहशत का फायदा उठाते हुए केशव गिरोह ने मेजरगंज बाजार के दवा व्यवसायियों संजय मेडिकल,
राजू मेडिकल व अन्य से रंगदारी मांग कर दहशत फैला दी. वर्ष 2016 में केशव सिंह ने मुकेश सिंह, अजय सिंह, सैराजुल मियां, राजू सिंह, बैजू सिंह, अवधेश सिंह, कुंदन सिंह व राज किशोर सिंह के साथ शिवहर जिले के उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के मैनेजर कृष्ण कुमार का अपहरण कर लिया था. जिसमें 50 लाख की फिरौती की मांग की गई थी.
केशव ने एक ग्रामीण को चाकू मार कर दिया था जख्मी
इस मामले में पहली बार गया था जेल
जेल में ही उसकी मुलाकात न्यू क्षत्रिय संगठन के संस्थापक अरविंद कुमार सिंह, मुकेश सिंह, विक्की सिंह व मनीष बिहारी से हुई थी
पंप लूट, बैंक लूट, बैंक मैनेजर का अपहरण, मुंशी की हत्या व रंगदारी की वारदात को दिया अंजाम
दो कैश वैन लूटने की थी योजना
रेकी के दौरान पुलिस के हत्थे चढ़ा
पेट्राेल पंप लूटकांड के बाद एसपी ने गठित की थी टीम
गौरतलब हो कि राजद के पूर्व सांसद सीताराम यादव के पेट्रोल पंप के कर्मचारी की गोली मार कर 12.37 लाख रुपया लूट लेने के बाद एसपी हरि प्रसाथ एस ने केशव की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने को लेकर अपना प्रयास आरंभ कर दिये थे. इस क्रम में एएसपी अभियान के नेतृत्व में गठित स्पेशल पुलिस टीम के हर गतिविधि की मॉनिटरिंग कर रहे थे. केशव को गिरफ्तार करने वाली टीम में डुमरा थाना के थानाध्यक्ष छोटन कुमार के अलावा, सब इंस्पेक्टर अमान अशरफ, राजेंद्र साह,
बेलसंड थानाध्यक्ष प्रमोद पासवान व क्यूआरटी टीम शामिल थी. इसी प्रकार मुकेश को गिरफ्तार करने में समस्तीपुर के उजियारपुर व सरायगंज थानाध्यक्ष क्रमश: मधुरेंद्र सिंह व मनोज कुमार सिंह का काफी सहयोग रहा. सोमवार को शिवहर जिला से पुलिस अवर निरीक्षक दिनेश तिवारी, अमित कुमार व संजय कुमार सिंह भी केशव व मुकेश सिंह से पूछताछ करने पहुंची.

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