यात्री परेशान. टेंपो चालकों की मनमानी से शहर में रोजाना लग रहा जाम
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चालक ने होमगार्ड को पीट दिया
यात्री परेशान. टेंपो चालकों की मनमानी से शहर में रोजाना लग रहा जाम सीतामढ़ी : टेंपो चालकों की मनमानी से न केवल रोजाना शहर में जाम लग रहा है, बल्कि इसके चलते आम जनता व यात्रियों की परेशानी बढ़ गयी है. हैरत की बात यह कि टेंपो चालक न तो परिवहन नियमों का पालन कर […]
सीतामढ़ी : टेंपो चालकों की मनमानी से न केवल रोजाना शहर में जाम लग रहा है, बल्कि इसके चलते आम जनता व यात्रियों की परेशानी बढ़ गयी है.
हैरत की बात यह कि टेंपो चालक न तो परिवहन नियमों का पालन कर रहे है और नहीं शहर की यातायात व्यवस्था की बहाली के लिये तैनात पुलिसकर्मियों के आदेश -निर्देश का ही पालन कर रहे है. इतना ही नहीं सख्ती दिखाने पर टेंपो चालक जवानों के साथ हाथापाई भी करते है. टेंपो चालकों की मनमानी की एक और तस्वीर सामने आयी है.
शहर के कारगिल चौक पर टेंपो रोकने का निर्देश देने पर एक चालक न केवल तैनात होमगार्ड जवान से उलझ गया, बल्कि जवान मुनिंद्र प्रसाद के साथ हाथापाई भी करने लगा. इस दौरान भीड़ उमड़ पड़ी और वाहनों की रफ्तार थम गयी. मामला बिगड़ते देख चालक टेंपो लेकर फरार हो गया. टेंपो चालक व जवानों के उलझने की यह कोई नयी तस्वीर नहीं है. रोजाना इस तरह के मामले सामने आते रहते है. लेकिन किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं होने के चलते चालकों के हौसले बुलंद है. नतीजतन इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति हो रहीं है.
प्रशासनिक पहल नहीं: बेशक, शहर की जान है टेंपो. रोजाना हजारों लोग टेंपो के जरिये ही अपने गंतव्य को जाते है. सीतामढ़ी शहर में सिटी सर्विस जैसी व्यवस्था नहीं है, लिहाजा शहर के विभिन्न इलाकों समेत डुमरा-सीतामढ़ी की यातायात सेवा टेंपो पर ही निर्भर है. लेकिन जिस तरह से नियमों को ताक पर रख कर सड़क पर टेंपो दौड़ रहे है, वह टेंपो में बैठे यात्रियों की जान भी ले सकती है.
एक तो टेंपो चालक मनमानी करते है, वहीं पैसेंजर को बैठाने के लिये जहां मन करता है रोक देते है. लिहाजा अक्सर हादसे होते रहते है. तेज व अनियंत्रित रफ्तार की वजह से रोजाना जिले में टेंपो पलटने से हादसे होते रहते है. मंगलवार की शाम एनएच 77 के चिलरा के पास टेंपो हादसे में एक किशोर की मौत हुई थी, वहीं आठ लोग जख्मी हुए थे, इनमें कइयों का इलाज अब भी अस्पतालों में जारी है. हैरत की बात यह कि टेंपो चालकों पर नकेल को परिवहन विभाग द्वारा कभी कोई अभियान नहीं चलाया जाता है.
न ड्राइविंग लाइसेंस की जांच की जाती है और नहीं टेंपो के सेहत की ही जांच की जाती है. विभाग द्वारा कभी भी यह देखने की कोशिश नहीं की गयी की सड़क पर दौड़ रहे वाहन वैध है या अवैध. परिवहन विभाग द्वारा केवल नियम बनाये जाते है.
दिसंबर माह में हुई बैठक में तय किया गया था कि टेंपो चालकों के पैसेंजर बैठाने के लिये शेड बनाये जायेंगे. शेड से ही चालक टेंपो पर यात्री बैठायेंगे. लेकिन महीनों बाद भी न तो यात्री शेड बना और नहीं नियम के पालन कराने की ही कोई पहल शुरू हुई.
न परिवहन नियमों का पालन और न कानून की चिंता: परिवहन विभाग द्वारा भले ही वाहनों के परिचालन व यात्रियों की सुरक्षा के लिये नियम बनाये गये है, लेकिन जिले के टेंपो चालकों द्वारा न तो परिवहन नियमों का पालन किया जा रहा है और नहीं उन्हें नियम तोड़ने के लिये बनाये गये कानून की चिंता है. वजह टेंपो चालक खुद परिवहन नियमों से अनजान है. 60 फीसदी चालक बगैर ड्राइविंग लाइसेंस के ही सड़क पर टेंपो दौड़ा रहे है. और तो और नन्हें हाथ भी टेंपो की कमान थामे नजर आते है.
नियम के अनुसार टेंपो में चालक के सीट पर केवल चालक को ही बैठाना है. लेकिन पैसों के लिये चालक अपनी सीट पर तीन-तीन यात्रियों को बैठा लेता है. थ्री शीटर टेंपों पर आठ यात्री बैठा कर चलना चालकों की शान बन गयी है. परिवहन कानून के तहत चालक के सीट के पास लोहे की राड का घेरा बनाया जाना है, लेकिन किसी भी टेंपो में यह व्यवस्था नहीं दिखता है. अधिकांश टेंपो बगैर लाइट व इंडिकेटर के चल रहे है. जबकि टेंपो से निकलते काले धुएं से शहर में प्रदूषण फैल रहे है.
कड़ी कार्रवाई होगी
नगर थानाध्यक्ष विशाल आनंद ने बताया कि शहर को जाम से मुक्ति दिलाने की दिशा में लगातार पहल की जा रहीं है, कुछ चीजों का पालन कराना परिवहन विभाग के जिम्मे है. वैसे नियम तोड़ने वाले टेंपो चालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी.
विशाल आनंद, नगर थानाध्यक्ष
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