12.5 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

किसानों व युवाओं के हित में हो बजट

उम्मीदें. एसआरके गोयनका कॉलेज में बोले प्राध्यापक, शिक्षकेत्तर कर्मी व छात्र सीतामढ़ी : देश में पहली बार रेल बजट को भी आम बजट के साथ समाहित कर एक फरवरी यानी कल देश के वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा आम बजट पेश किया जाएगा. इससे पूर्व विगत आठ नवंबर को देश के प्रधानमंत्री द्वारा ऐतिहासिक फैसला […]

उम्मीदें. एसआरके गोयनका कॉलेज में बोले प्राध्यापक, शिक्षकेत्तर कर्मी व छात्र

सीतामढ़ी : देश में पहली बार रेल बजट को भी आम बजट के साथ समाहित कर एक फरवरी यानी कल देश के वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा आम बजट पेश किया जाएगा.
इससे पूर्व विगत आठ नवंबर को देश के प्रधानमंत्री द्वारा ऐतिहासिक फैसला लेते हुए पुराने 500 व एक हजार की करेंसी को रद्द कर दिया गया था. सरकार द्वारा इसके पीछे तर्क दिया गया था कि पुराने बड़े नोटों को रद्द कर दिये जाने से देश में अवैध तरीके से जमा काफी कालाधन सरकार व आरबीआई के खजाने में जमा होंगे, जिसे देश के गरीब व मध्यम वर्ग के हित से जुड़े योजनाओं पर खर्च किया जाएगा. जाहिर है कि इस बार के रेल व आम बजट को लेकर लोग काफी उम्मीदें लगा बैठे हैं.
जानकारों की राय में ऐसा इसलिए कि सरकार वर्तमान में उस मजबूत स्थिति में है कि आम जन की बेहतरी के लिए बजट पेश किया जा सकता है. प्रभात खबर द्वारा बजट को लेकर अलग-अलग वर्ग के लोगों की राय जानने के लिए परिचर्चा शुरू की गयी है. प्रभात खबर की ओर से सोमवार को शहर स्थित श्री राधा कृष्ण गोयनका कॉलेज परिसर में प्राध्यापकों, शिक्षकेत्तर कर्मियों व छात्र-छात्राओं के साथ परिचरचा का आयोजन किया गया, जिसमें कॉलेज के प्राध्यापक, शिक्षकेत्तर कर्मी व छात्र-छात्राओं ने अपने विचार रखे.
डॉ रामसेवक सिंह, प्रभारी, इग्नू अध्ययन केंद्र, एसआरके गोयनका कॉलेज : रेल व आम बजट को लेकर इस बार लोगों में काफी उत्सुकता और उम्मीदें है. पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लिये गये नोटबंदी के फैसले के बाद सरकार व आरबीआइ के खजाने में काफी धन जमा हुए हैं. सरकार उस स्थिति में है कि गरीब व मध्यमवर्गीय लोगों को ध्यान में रखकर बजट पेश कर सके. रेल बजट की बात करें, तो ऐसा बजट पेश होना चाहिए, जिससे गरीब व मध्यवर्ग पर बोझ न पड़े.
डॉ जगजीवन प्रसाद, प्राध्यापक सह परीक्षा नियंत्रक : नोटबंदी के बाद देश की आर्थिक स्थिति अच्छी हुई है, इसलिए इस बार के बजट से लोगों को काफी उम्मीदें है. बिहार समेत देश के किसानों की हालात काफी खराब है. बेरोजगारी के कारण युवा भटकाव की राह पर है. जब तक किसान का उत्थान नहीं होगा, तब तक नौजवान भी नहीं सुधरेंगे. इसलिए इस बार के बजट में किसानों व युवाओं के हितों को खास तरजीह मिलनी चाहिए. किसानों को फसल की उचित कीमत नहीं मिल रही है, जिसके चलते किसान उपर नहीं उठ पा रहे हैं. इस बार का बजट किसानों के लिए आना चाहिए.
प्रो श्यामकिशोर सिंह, प्राध्यापक : ऐसा बजट हो, जिससे गरीब, किसान व युवाओं खासकर छात्रों पर बोढ़ न पड़े. सरकार जिस अनुपात में टैक्स वसूलती है, उस अनुपात में सुविधाएं नहीं दी जाती है. इस पर ध्यान होना चाहिए. आम जनजीवन को सुविधाजनक बनाने की दिशा में बजट पेश होनी चाहिए. केंद्र सरकार द्वारा जिन बातों को ध्यान में रखकर नोटबंदी की गयी थी, उसे जमीन पर उतारने का वक्त आ गया है. लोगों को उम्मीद है कि नोटबंदी के कारण खजाने में आये धन को गरीब व मध्यवर्गीय लोगों पर खर्च किया जाएगा.
प्रो रविंद्रनाथ सिन्हा, प्राध्यापक : अधिकांश बजट आम जन के लिए महज छलावा ही साबित हुआ है. ज्यादातर सरकारें वोटबैंक को ध्यान में रखकर बजट पेश करती रही है. जिनके लिए योजनाएं बनायी गयी व बजट पेश किया गया, उसका फायदा उन तक नहीं पहुंच सका. वर्तमान सरकार द्वारा देश हित में कई ऐतिहासिक फैसले लिए गये, जिससे सरकार के प्रति लोगों में आशा जगी है. वर्तमान की सराकार ने जनकल्याण व जन-जन के लिए विशेष याेजानाएं चला रही है, इसका लाभ लोगों को मिल भी रहा है.इस बार के बजट से लोगों में काफी उम्मीदें व उत्साह देखरी जा रही है. सरकार व बैंकों के खजाने में इस वक्त काफी धन आया है, इसलिए इस बार आम जन के हितों को ध्यान में रखकर बजट आने की उम्मीद है.
संजय शर्मा, प्रशाखा पदाधिकारी : रेल हो या आम बजट, दोनों गरीबों, किसानों व युवाओं को ध्यान में रखकर पेश होना चाहिए. सरकार की आर्थिक स्थिति फिलहाल अच्छी बनी हुई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कहा भी गया था कि नोटबंदी से जमा कालेधन को उन लोगों पर खर्च किया जाएगा, जो कतार में खड़े हैं, इसलिए कतार में खड़े लोगों को ध्यान में रखकर बजट पेश होना चाहिए. विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. बजट में इसका भी खयाल रखा जाना चाहिए.
देवेंद्र कुमार, शिक्षकेत्तर कर्मी : विश्वविद्यालय व महाविद्यालयों का खस्ता हाल है. विकसित समाज के निर्माण के लिए शिक्षा सबसे अहम मुद्दा है, इसलिए बजट में शिक्षा पर खास फोकस होना चाहिए. देश अच्छी आर्थिक स्थिति से गुजर रही है, इसलिए युवाओं व किसानों समेत आमजनों में इस बार के बजट को लेकर काफी उत्सुकता है. एक ऐसा बजट हो, जिससे शिक्षा का स्तर ऊंचा हो और शिक्षित व विकसित समाज का निर्माण संभव हो सके.
सुरेश कुमार, सहायक : कॉलेजों में संसाधनों के साथ-साथ प्राध्यापकों व कर्मचारियों का घोर अभाव है, जिसके चलते शिक्षा का स्तर काफी गिरता जा रहा है. शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने कि दिशा में बजट पेश होनी चाहिए. गरीबों व मध्यम वर्गीय लोगों पर रेल किराया का बोझ नहीं बढ़ाया जाना चाहिए. रेलवे द्वारा आम लोगों से जितना किराया वसूल किया जाता है, उतनी सुविधाएं नहीं दी जाती है. आम लोगों पर बोझ डाले बिना रेलवे यातायात को सुविधाजनक बनाने की दिशा में बजट आना चाहिए.
ऋद्धि चोपड़ा, छात्रा : युवाओं में बेरोजगारी की समस्या बरकरार है, इसलिए इस बार का बजट बेरोजगारी को दूर करने की दिशा में आना चाहिए. 60 फीसदी युवाओं के इस देश में युवाओं के साथ ही अनदेखी की जाती रही है. प्रधानमंत्री ने युवाओं को काफी सपने भी दिखाएं हैं, इसलिए युवाओं को इस बार के बजट को लेकर सरकार से काफी उम्मीदें हैं. बजट में शिक्षा को खास स्थान मिलना चाहिए

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें