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तीन दिन तक राहत, अब बर्फीली हवाओं का कहर

सीतामढ़ी : तीन दिनों तक राहत देने के बाद बुधवार को एक बार फिर घने कोहरे व वर्फीली हवाओं के साथ ठंड का सितम तेज हो गया है. बुधवार को एक बार फिर इलाका शीतलहर की गिरफ्त में रहा. पूरे दिन इलाका घने कोहरे में लिपटा रहा. साथ ही तीन किमी प्रति घंटे की रफ्तार […]

सीतामढ़ी : तीन दिनों तक राहत देने के बाद बुधवार को एक बार फिर घने कोहरे व वर्फीली हवाओं के साथ ठंड का सितम तेज हो गया है. बुधवार को एक बार फिर इलाका शीतलहर की गिरफ्त में रहा. पूरे दिन इलाका घने कोहरे में लिपटा रहा. साथ ही तीन किमी प्रति घंटे की रफ्तार से शीतल हवाएं बहती रहीं. वहीं सूरज के दर्शन नहीं हो सके.

लिहाजा जन जीवन अस्त-व्यस्त रहा, लोग घरों में दुबके रहे. जबकि घने कोहरे के चलते बस व ट्रेन सेवा भी प्रभावित हुई. ट्रेने जहां अपने निर्धारित समय से घंटों देर चली. वहीं प्रमुख पथों में वाहनों की संख्या में भी काफी कमी नजर आई. जो वाहन चलते दिखे, उनकी गति भी काफी कम रहीं. पूरे दिन लोग लाइट जला कर वाहन चलाते नजर आए. ठंड का सर्वाधिक असर गरीब, मजदूर व सड़क के किनारे रहने तथा छोटे-छोटे दुकान लगाने वाले गरीबों पर पड़ रहा है. जिले में जारी कड़ाके की ठंड के बावजूद प्रशासनिक स्तर पर अब तक कहीं भी अलाव की व्यवस्था नहीं की गई है. लिहाजा लोगों में रोष है.
ठंड के बीच पढ़ने जातीं छात्राएं.
रेलवे स्टेशनों व बस पड़ावों पर ठिठुरते रहे यात्री
जिले में बुधवार से एक बार फिर शीतलहर का कहर तेज हो गया है. अहले सुबह से देर शाम तक इलाका कोहरे की चादरों में लिपटा रहा. लिहाजा बस व ट्रेन सेवाएं बूरी तरह प्रभावित हुई. घने कोहरे के कारण सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर टू लेन सड़क, शिवहर- सीतामढ़ी-सुरसंड एनएच 104, सीतामढ़ी-पुपरी स्टेट हाइवे, सीतामढ़ी- परिहार व बेलसंड-रून्नीसैदपुर समेत विभिन्न पथों में वाहनों का परिचालन पूरी तरह प्रभावित रहा. दरभंगा-सीतामढ़ी-रक्सौल के बीच ट्रेनें दो घंटे देर चली. जबकि सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर के बीच भी ट्रेनों का परिचालन दो घंटे विलंब से हुआ. लिहाजा ट्रेन तथा बसों के इंतजार में स्टेशन व बस पड़ाव में यात्रियों को ठंड में ठिठुरते हुए घंटों इंतजार करना पड़ा. जबकि कोहरे के कारण बाइक, जीप, कार व आटो आदि वाहन सड़क पर ससरते नजर आए. कोहरे की वजह से लोगों को मिनटों की दूरी घंटों में तय करने की विवशता रहीं.
ठंड से बचाव की प्रशासनिक पहल नहीं होने से आक्रोश
जिले में ठंड के जारी कहर के बावजूद अब तक कहीं भी न तो अलाव की व्यवस्था की जा सकी है और नहीं गरीबों के बीच कंबल का ही वितरण किया जा सका है. आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत के आदेश के आलोक में डीएम ने सीओ को इलाके में अलाव की व्यवस्था कराने का निर्देश भले ही दिया है, लेकिन डीएम के निर्देश के बावजूद न तो शहर में कहीं अलाव की व्यवस्था की गई है और नहीं सुदूर ग्रामीण इलाकों में ही. लिहाजा कड़ाके की ठंड के बीच गरीब सिहरने को विवश है.
ठंड के बावजूद यात्री को ढो रहा रिक्शाचालक.
ठंड के कारण बीमार हो रहे लोग
जिले में ठंड बढ़ने के साथ ही रोगों के प्रसार में गुणात्मक वृद्धि जारी है. सर्दी, खांसी, बुखार, बदन दर्द, जोड़ों का दर्द, पीलिया, कोल्ड डायरिया व कै-दस्त आदि बीमारियों के प्रसार बढ़ने से लोग परेशान है. विभिन्न सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों में रोजाना ठंड जनित बीमारियों के मरीज भर्ती किए जा रहे है. सरकारी अस्पतालों में ठंड जनित बीमारियों के इलाज के लिए दवाओं का अभाव गरीबों की परेशानी को बढ़ा रहा है.

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