मेजरगंज : डेढ वर्ष पूर्व अपहृत 15 वर्षीय खलील अनवर सोमवार की रात अपने घर लौटा आया. मंगलवार की सुबह डुमरी खुर्द निवासी जुम्मन बैठा अपनी पत्नी जुबनी खातून और अपहृत पुत्र खलील अनवर को लेकर थाने पहुंचा. अनुसंधानकर्ता दारोगा सुभाष चंद्र सिंह और थानाध्यक्ष सैफ अहमद खान के समक्ष खलील ने चौंकाने वाला बयान […]
मेजरगंज : डेढ वर्ष पूर्व अपहृत 15 वर्षीय खलील अनवर सोमवार की रात अपने घर लौटा आया. मंगलवार की सुबह डुमरी खुर्द निवासी जुम्मन बैठा अपनी पत्नी जुबनी खातून और अपहृत पुत्र खलील अनवर को लेकर थाने पहुंचा. अनुसंधानकर्ता दारोगा सुभाष चंद्र सिंह और थानाध्यक्ष सैफ अहमद खान के समक्ष खलील ने चौंकाने वाला बयान दिया. खलील ने पिता के द्वारा पांच नवंबर 2015 को दर्ज कराये गये अपहरण के मामले को गलत और निराधार बताया.
उसने कहा कि वह अपने पड़ोसी तसलीम बैठा के साथ उसका काम करने लुधियाना गया.
भाई की शादी में आने के लिए उसने तसलीम से पैसे मांगे तो उसने पैसा देने के बदले उसे दो-तीन थप्पड़ लगा दिया. उसी रात वह तस्लीम का काम छोड़ भाग निकला और लुधियाना में ही अन्यत्र काम करने लगा. वहां गांव का ही एक आदमी चार-पांच दिन पूर्व मिला और बताया कि उसके माता-पिता उसके लिए बेचैन हैं. उसने दूरभाष पर सूचना देकर पिता को बुलाया और उसके साथ घर लौटा. मिली जानकारी के अनुसार, जुम्मन बैठा ने मंजूर मियां समेत चार के विरुद्ध अपहरण का मामला दर्ज करा उसे गिरफ्तार करने की गुहार थाना में लगाता रहा, परंतु अनुसंधानकर्ता ने मामले की सघन जांच की और अभियुक्तों को गिरफ्तार करने की कार्रवाई नहीं की. पुलिस अधिकारी की सूझ-बूझ के कारण चार निर्दोष मामले में फंसने से बच गए.बयान देने के बाद खलील अपने माता-पिता के साथ घर लौट गया.