23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सरकंडे के ऊपर वस्त्र आवरण चढ़ा कर बहुआरा में की जाती थी दुर्गापूजा

शिवहर : जिले में जहां शारदीय नवरात्र के दस्तक एक अक्तूबर से होने की सूचना के बाद दुर्गा पूजा की तैयारी तेज कर दी गयी है.वही ग्रामीण क्षेत्र के पूजन स्थलों पर मूर्ति के निर्माण व अन्य तैयारी की जाने लगी है. जिले के डुमरी कटसरी प्रखंड के बहुआरा गांव में भगवती दुर्गा की पूजा […]

शिवहर : जिले में जहां शारदीय नवरात्र के दस्तक एक अक्तूबर से होने की सूचना के बाद दुर्गा पूजा की तैयारी तेज कर दी गयी है.वही ग्रामीण क्षेत्र के पूजन स्थलों पर मूर्ति के निर्माण व अन्य तैयारी की जाने लगी है.

जिले के डुमरी कटसरी प्रखंड के बहुआरा गांव में भगवती दुर्गा की पूजा की तैयारी परवान पर है. इस गांव स्थित दुर्गा मंदिर में कलाकार रामएकवाल पंडित, सोगारथ पंडित आदि के द्वारा मूर्ति को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया जारी है. मूर्ति के रंगाई का कार्य जारी है. कहा जाता है कि इस गांव में दुर्गा पूजा की परंपरा करीब 70 वर्ष से भी अधिक पुरानी है. यहां उस समय से भगवती दुर्गा की पूजा हो रही है. जब शिवहर व मधुवन दरबार में भगवती की पूजा होती थी.
राशि के अभाव में गांव के लोग सरकंडे के उपर वस्त्र आवरण चढ़ा कर भगवती दुर्गा की पूजा अर्चना करते थे. पूजा समिति के अध्यक्ष नागेंद्र सिंह, कोषाध्यक्ष शत्रुघन सिंह बताते हैं कि एक नागा बाबा ने यहां भगवती दुर्गा की पूजा प्रारंभ करायी थी. पूजा रामवन गांव में होना था. किंतु वहां चंदा देने को लेकर विवाद हो गया. उसके बाद नागा बाबा ने बहुआरा गांव में मूर्ति स्थापित कर पूजा करने का निर्णय लिया. किंतु पूजा के लिए धन की व्यवस्था की समस्या थी. गरीब ग्रामीणों के चंदा से मूर्ति के साथ पूजन का खर्च वहन करना संभव नहीं था. किंतु ग्रामीणों के उत्साह के आगे नागा बाबा की चिंता कम पड़ गयी. डुमरी गांव निवासी पंडित स्वर्गीय शोभाकांत झा के पिता ने नि: शुल्क भगवती की पूजा करने की सहमति दे दी.
उसके बाद सरकंडे के उपर वस्त्र आवरण चढ़ाकर दुर्गा की पूजा शुरू की गयी. उसके बाद से र्निविवाद, र्निविघ्न रूप से आज तक शांतिपूर्वक ग्रामीणों के सहयोग से पूजा अर्चना की जा रही है. मंदिर के निर्माण हेतु स्वर्गीय गिरजा नंदन सिंह ने जमीन उपलब्ध कराया था. जिस पर मंदिर का निर्माण उनके भतीजा डॉ शालिग्राम सिंह के द्वारा कराया गया है. फिलहाल पुजारी संजय सिंह के द्वारा पूजा अर्चना की जा जाती है.
कहा जाता है कि दुर्गा पूजा शुरू कियेे जाने के बाद इस गांव की खुशहाली लौट गयी है. इस गांव के परंपरा के अनुसार गांव के बाहर के व्यक्ति से चंदा प्राप्त नहीं किया जाता है. ग्रामीणों के सहयोग से ही यहां पूजा की जाती है. प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी यहां सांस्कृतिक व रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें