बोखड़ा (सीतामढ़ी) : प्रखंड की महिसौथा पंचायत के बठौल गांव के लोग कल तक जिस श्मशान की जमीन पर शव का दाह-संस्कार करते थे, उस जमीन को सीओ ने पूर्व नक्सलियों के बीच बांट दिया है. पिछले दिनों पूर्व नक्सलियों को जिस जमीन का परचा दिया गया, वह श्मशान है. इसकी खबर मिलते ही गांव के महादलित आक्रोशित हो गये. लोगों का कहना है कि किसी भी हालत में श्मशान की जमीन को पूर्व नक्सलियों का नहीं होने दिया जायेगा. चेतावनी के साथ ही लोगों ने जमीन पर जगह-जगह लाल झंडा गाड़ दिया है. झंडा देख पूर्व नक्सली जमीन पर
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पूर्व नक्सलियों के बीच बांटी श्मशान की जमीन
बोखड़ा (सीतामढ़ी) : प्रखंड की महिसौथा पंचायत के बठौल गांव के लोग कल तक जिस श्मशान की जमीन पर शव का दाह-संस्कार करते थे, उस जमीन को सीओ ने पूर्व नक्सलियों के बीच बांट दिया है. पिछले दिनों पूर्व नक्सलियों को जिस जमीन का परचा दिया गया, वह श्मशान है. इसकी खबर मिलते ही गांव […]
पूर्व नक्सलियों के…
जाने से कतरा रहे हैं. गांव के तेतर सहनी व वार्ड सदस्य रधिया देवी समेत 167 लोगों ने एक आवेदन सीओ भाग्यनारायण राय को दिया है, जिसमें कहा है कि उनके बाबा-दादा के जमाने से श्मशान में शव का दाह-संस्कार किया जाता रहा है. पिछले माह भी बिजली सदा व वंशीलाल सदा का दाह-संस्कार उसी श्मशान में किया गया था, जिसका परचा नक्सलियों के बीच बांटा गया है. ग्रामीणों में आक्रोश इस बात का है कि सीओ ने उनलोगों से बगैर जानकारी लिये परचा वितरण कर दिया.
ग्रामीण विपिन ठाकुर व प्रबोधी सहनी कहते हैं कि उनलोगों के पास काफी कम जमीन है. श्मशान के लिए जमीन की व्यवस्था करना उनके वश की बात नहीं है. प्रशासन को हर हाल में पूर्व नक्सलियों को दूसरे जगह जमीन देनी होगी.
ग्रामीण से नहीं करेंगे विवाद . इधर, पूर्व नक्सली गणेशी दास व इंदल दास ने बताया कि उन्होंने 2010 में सरेंडर किया था. एक तो छह वर्षों बाद जमीन का परचा मिला और वह भी विवाद में पड़ गया. ग्रामीण लाल झंडा गाड़ दिये हैं. कहा कि उनकी मंशा ग्रामीणों से विवाद करने की नहीं है. प्रशासन या तो कब्जा दिलाये या दूसरे जगह जमीन उपलब्ध कराये. मुखिया इंदुबाला ने बताया कि परचा वाली जमीन श्मशान की ही है. उनकी बगैर राय के सीओ ने परचा का वितरण कर दिया गया है.
बोखड़ा के महिसौथा पंचायत का मामला
ग्रामीणों ने जताया आक्रोश, श्मशान में गाड़े लाल झंडे
सीओ को आवेदन देकर परचा
रद्द करने की मांग की
झंडा देख परचा की जमीन पर नहीं जा रहे पूर्व नक्सली
यह जमीन श्मशान की नहीं है. सरकारी कागजात में कहीं भी श्मशान का उल्लेख नहीं है. ग्रामीणों से बात कर ही परचा दिया गया. लोगों के आवेदन का आवलोकन कर उस पर विचार किया जायेगा.
भाग्य नारायण राय, सीओ
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