कौशल विकास कार्यक्रम का नहीं मिल रहा लाभ
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प्रशिक्षण लिये, पर ऋण नहीं मिला कि कर सकें रोजगार
कौशल विकास कार्यक्रम का नहीं मिल रहा लाभ प्रशिक्षण प्राप्त 1309 लोग अब भी बेरोजगार डुमरा : बेरोजगारों को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उन्हें कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. बहुत से लोग प्रशिक्षण ले भी चुके हैं. हालांकि बैंकों की उपेक्षा के कारण अधिकांश बेरोजगारों को प्रशिक्षण के बावजूद बेरोजगारी […]
प्रशिक्षण प्राप्त 1309 लोग अब भी बेरोजगार
डुमरा : बेरोजगारों को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उन्हें कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. बहुत से लोग प्रशिक्षण ले भी चुके हैं. हालांकि बैंकों की उपेक्षा के कारण अधिकांश बेरोजगारों को प्रशिक्षण के बावजूद बेरोजगारी का मार झेलना पड़ रहा है. ये हुनरमंद ऋण के लिए बैंकों का चक्कर काट रहे हैं, पर बैंकों के अधिकारी गंभीर नहीं हैं.
इसका अंदाजा इसी से लगाया
जा सकता है कि बड़ौदा स्वरोजगार संस्थान के निदेशक एएस दास बैंकों के खिलाफ रिजर्व बैंक तक को रिपोर्ट कर चुके हैं.
अब तक 2850 को प्रशिक्षण
बड़ौदा स्वरोजगार संस्थान, डुमरा से अब तक जिले के 2850 बेरोजगार महिला व पुरुष प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं. इनमें से 1541 बेरोजगार स्वयं व बैंकों से ऋण लेकर अपना व्यवसाय शुरू कर चुके हैं, जबकि 1309 बेरोजगार बैंकों से ऋण मिलने की आस में आज भी बेरोजगार हैं. इनके पास इतने पैसे नहीं हैं कि कोई रोजगार कर अपने पैरों पर खड़ा हो सके. एक तरह से केंद्र सरकार की पहल से शुरू कौशल विकास को सफल बनाने में बैंकों के अधिकारी गंभीर नहीं हैं.
डेयरी की मांग काफी अधिक
जिले में डेयरी व दुग्ध विकास के क्षेत्र में आगे आने के लिए सबसे अधिक बेरोजगार इच्छुक हैं. डेयरी के लिए 1575 बेरोजगारों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया, जिसमें से 849 डेयरी के क्षेत्र से जुड़ भी चुके हैं तो 736 बेरोजगार डेयरी फॉर्म खोलने के लिए ऋण को बैंकों का चक्कर लगा रहे हैं.
वर्मी कंपोस्ट के लिए 89 बेरोजगार तो मशरूम उत्पादन को 99, औषधीय पौधा को 67, कृषक कौशल विकास को 52, मोबाइल रिपेयरिंग को 151, कंप्यूटर मरम्मत को 18, ब्यूटी पार्लर को 179, ड्रेस डिजाइनिंग को 352 व अगरबत्ती निर्माण को 137 समेत अन्य कार्यों के लिए बेरोजगार प्रशिक्षण ले चुके हैं.
बेरोजगारों का है कहना
डेयरी का प्रशक्षिण प्राप्त कर रहे परिहार के धनहा के आग्नेय कुमार, मेहसौल के रंजेश कुमार व रीगा के हनुमाननगर के इंद्रजीत सिंह ने बताया कि प्रशिक्षण लेने के बाद बैंक से ऋण संबंधित जानकारी प्राप्त कर ऋण लेकर डेयरी के क्षेत्र में उन्नत व्यापार स्थापित करेंगे. ब्यूटी पार्लर प्रबंधन की प्रशिक्षण ले रही शांति नगर की निक्की कुमारी व शंकर चौक की गुड़िया रस्तोगी ने बताया कि बैंकों से सहयोग मिला तो अपने पैरों पर खड़ा होने में सुविधा होगी.
अधिकारी का है कहना
संस्थान के निदेशक एएस दास ने बताया कि बैंकों से बेरोजगारों को ऋण नहीं मिलने की शिकायत पर रिजर्व बैंक को रिपोर्ट किया गया है. साथ हीं प्रशिक्षणार्थियों के साथ उत्पन्न होने वाली विभिन्न समस्याओं के निदान के लिए वरीय अधिकारियों को अवगत कराया गया है. इधर, बैंकिंग नोडल अधिकारी निवेदिता कुमारी ने बताया कि कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए बैंकों को निर्देश दिया जाता रहा है कि बेरोजगारों को ऋण मुहैया करायें.
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