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मौत के बाद नहीं मिला योजना का लाभ

अज्ञात वाहन की ठोकर से हुई थी पत्नी की मौत दो वर्ष पूर्व कैंसर पीड़ित पुत्र की हो गयी थी मौत सीतामढ़ी : सड़क दुर्घटना के दौरान मौत होने पर शव की दाह संस्कार के लिए कबीर अंत्येष्टि योजना के तहत तीन हजार तथा पारिवारिक लाभ योजना के तहत 20 हजार रुपये परिजन को सरकार […]

अज्ञात वाहन की ठोकर से हुई थी पत्नी की मौत

दो वर्ष पूर्व कैंसर पीड़ित पुत्र की हो गयी थी मौत
सीतामढ़ी : सड़क दुर्घटना के दौरान मौत होने पर शव की दाह संस्कार के लिए कबीर अंत्येष्टि योजना के तहत तीन हजार तथा पारिवारिक लाभ योजना के तहत 20 हजार रुपये परिजन को सरकार द्वारा उपलब्ध कराया जाना है. लेकिन, जिले में कई गरीब व अनपढ़ परिजन इन दोनों लाभ से वंचित है. डुमरा प्रखंड के बाजितपुर गांव निवासी महंत महतो (70 वर्ष)भी उनमें से एक है.
पीड़ित महतो ने बताया कि 10 पूर्व सड़क दुर्घटना में उसकी पत्नी चुल्हिया देवी (50) की मौत हो गयी थी. अभी तक उन्हें पारिवारिक योजना का लाभ नहीं मिला है. आगे कहते है ‘ऑफिस व कागज-पत्तर के हाल हम न जनई छी. दोसरा के सहारे कोनों काम भगवान भरोसे होई छई आ सरकार के हमरा सब ला कोई फिकरे न हई’. यह कहते ही उनकी आंखें भर आयी.
आगे कहते है कि दुर्घटना में मौत के बाद आक्राेशित ग्रामीणों द्वारा जब सड़क जाम किया जाता है, तब संबंधित अधिकारी घटना स्थल पर पहुंच परिजन को तत्काल उचित लाभ दे देते है. वहीं, जिन परिजन द्वारा घटना के तुरंत बाद सड़क जाम नहीं किया जाता है उन्हें लाभ देने के लिए संबंधित अधिकारी द्वारा अपने स्तर से जांच भी नहीं करायी जाती है.
नहीं मिला इंदिरा आवास का लाभ
महंत महतो ने बताया कि दो साल पूर्व पुत्र जिनिस कुमार (27)की मौत कैंसर की बीमारी से हो गयी थी. तब से घर में खाने के लिए लाले पड़ गये है. अपनी पत्नी व पुत्र को कंधा दे चुके महतो का शरीर भी मजदूरी करने के लायक नहीं रहा. छोटे-छोटे पोते व पतोहू का खर्च जुटाना मुश्किल हो गया है. रुपये के अभाव में क्षतिग्रस्त खपरैल घर का मरम्मत भी नहीं करा पा रहे है. बारिश में खपरैल छप्पर से टपकता पानी बिछावन पर ही गिरता है. मिट्टी का दीवार कब गिर जायेगा कोई गारंटी नहीं. इन सब समस्याओं से बेखबर जनप्रतिनिधियों के उदासीनता के कारण महंत महतो को एक इंदिरा आवास का लाभ तक नहीं मिल सका. जबकि उनका नाम बीपीएल सूची में दर्ज है.
घर के बरामदे पर दो पौत्र के साथ बैठे महंथ महतो .
इन्हें भी नहीं मिला पारिवारिक लाभ योजना का लाभ
डुमरा प्रखंड के बाजितपुर निवासी उमा शंकर सहनी ने बताया कि 15 मई 2016 को गांव के टू लेन पर सड़क दुर्घटना में बाइक की ठोकर से उनके पिता योगी सहनी की मौत हो गयी. उमाशंकर अनपढ़ होने के कारण अभी तक आवश्यक कागजात को विभागीय कार्यालय में जमा भी नहीं करा सके हैं. हालांकि कागजात को जमा करने के लिए एक समाजसेवी को दिये भी थे, पर वे कार्यालय में जमा नहीं कर पाये, जिससे पारिवारिक लाभ योजना के तहत 20 हजार रुपये नहीं मिला है.
पुराने मामले में कुछ नहीं हो सकता: इस बाबत डुमरा बीडीओ संजय कुमार सिन्हा ने बताया कि बहुत पुराने मामले में तो कुछ नहीं हो सकता, पर यदि हाल का मामला है, तो प्रखंड कार्यालय में मृत्यु प्रमाण पत्र, पोस्टमार्टम रिपोर्ट व एफआइआर की कॉपी के साथ आवेदन करने पर जांच के बाद उचित सरकारी लाभ दिया जा सकता है.

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