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चार पंचायतों में 550 चापाकल सूखे

आठ दिनों से पेयजल की बनी है समस्या प्रशासन के स्तर से नहीं उठाया गया ठोस कदम अब तक लगाया जा सका मात्र एक चापाकल बोखड़ा : प्रखंड क्षेत्र में चापाकलों के सूखने का सिलसिला जारी है. काफी तेजी से चापाकल ठप होते जा रहे हैं. यह समस्या एक पंचायत से दूसरे पंचायत में भी […]

आठ दिनों से पेयजल की बनी है समस्या

प्रशासन के स्तर से नहीं उठाया गया ठोस कदम
अब तक लगाया जा सका मात्र एक चापाकल
बोखड़ा : प्रखंड क्षेत्र में चापाकलों के सूखने का सिलसिला जारी है. काफी तेजी से चापाकल ठप होते जा रहे हैं. यह समस्या एक पंचायत से दूसरे पंचायत में भी उत्पन्न हो गयी है. पेयजल संकट की चपेट में अब तक चार पंचायतों के दर्जन भर गांव आ चुके हैं.
पानी के लिए लोगों में हाहाकार मचा हुआ है. लोग जैसे-तैसे पानी की व्यवस्था कर काम चला रहे हैं. आठ दिनों से पेयजल संकट उत्पन्न है. पीएचइडी की ओर से भाउर गांव में अब तक मात्र एक चापाकल लगाया जा सका है.
यह स्थिति तब है जब डीएम राजीव रौशन के स्तर से पीएचइडी के कार्यपालक अभियंता केडी डिस्वा को पेयजल उपलब्ध कराने का सख्त निर्देश दिया गया था. विभाग के अभियंताओं द्वारा काफी हाथ-पांव मारने के बाद एक चापाकल लगाया गया है.
विगत चार-पांच दिनों से अभियंताओं द्वारा ग्रामीणों को चापाकल लगाने का आश्वासन दिया जा रहा था,
लेकिन इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाये जाने के कारण एक चापाकल लगाने में इतना विलंब हुआ. बता दें कि सबसे पहले भाउर पंचायत के चापाकल सूख रहे थे. वहां के बाद बनौल और दो दिन बाद बोखड़ा पंचायत में भी चापाकल सूखने लगे. पूरे प्रशासन व प्रखंड के लोगों की नजर उक्त तीनों पंचायतों पर थी.
इस बीच, बुधवार से अब तक कुरहर पंचायत में भी करीब 40 चापाकल सूख गये हैं. पेयजल की संकट से बचे पंचायत के लोग भी सशंकित हैं कि अब कहीं उनके यहां के भी चापाकल न सूखने लगे. बता दें कि भाउर में चापाकल सूखने के आठ दिन हो गये तो बनौल में पांच दिन व बोखड़ा में तीन दिन. प्रशासन के सर्वेक्षण से यह सामने आया है कि दो दिन पूर्व तक बनौल में 247 व भाउर में 184 चापाकल सूख गये थे. बोखड़ा पंचायत में भी 100 से अधिक चापाकलों से पानी नहीं निकल रहा है.
चारों पंचायतों में लोगों को पीने के लिए पानी दूसरे जगहों से ट्रैक्टर व अन्य चीजों पर लाद कर लाना पड़ रहा है. पानी के अभाव में तमाम कार्यों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. कुरहर मुखिया पंकज कुमार ने बताया कि स्थिति काफी भयानक होती जा रही है. प्रशासन को अवगत करा दिया गया है.
अब तक कोई अभियंता व अधिकारी ग्रामीणों की सुध लेने नहीं पहुंचे हैं. इधर, जिला पार्षद संजय झा व संदीप कुमार ने बताया कि शीघ्र डीएम से मिल स्थिति से अवगत कराया जायेगा. बताया कि कार्यपालक अभियंता द्वारा एक सप्ताह पूर्व समस्या के समाधान की बात कही गयी थी जो संभव नहीं हो सका है. यह कहने में दो मत नहीं कि विभागीय अभियंता पेयजल की उत्पन्न इस गंभीर समस्या को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं.
कहते हैं डीएम : डीएम राजीव रौशन ने बताया कि कार्यपालक अभियंता को विशेषज्ञों की टीम से पानी का लेयर नीचे जाने की जांच करा रिपोर्ट देने को कहा गया है. संबंधित गांवों में तुरंत चापाकल लगाने और जहां चापाकल संभव न हो तो वहां टैंकर से पानी की आपूर्ति करने का निर्देश दिया गया है. खेती के लिए पंपसेट से पटवन किये जाने एवं कम बारिश होने के चलते प्रथम दृष्टया चापाकलों के सूखने की बात सामने आयी है.

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