डुमरा (सीतामढ़ी) : 21 अप्रैल 2016 को एक साथ 2100 सोख्ता का उद्घाटन हुआ. यह सुनने में भले ही अजीब लगे, पर डीएम राजीव रौशन की सकारात्मक सोच व पदाधिकारियों से मिले सहयोग से 2100 सोख्ता के निर्माण का एक रिकॉर्ड बन गया. इस दिन को जिले की एक बड़ी उपलब्धि के लिए जाना जायेगा. […]
डुमरा (सीतामढ़ी) : 21 अप्रैल 2016 को एक साथ 2100 सोख्ता का उद्घाटन हुआ. यह सुनने में भले ही अजीब लगे, पर डीएम राजीव रौशन की सकारात्मक सोच व पदाधिकारियों से मिले सहयोग से 2100 सोख्ता के निर्माण का एक रिकॉर्ड बन गया. इस दिन को जिले की एक बड़ी उपलब्धि के लिए जाना जायेगा.
भूगर्भ जल संरक्षण की दिशा में प्रशासन की ओर से उठाया गया यह कदम अन्य राज्यों व जिलों के लिए एक मिसाल बन गया. गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में इस उपलब्धि को शामिल कराने के लिए प्रशासन ने नामांकन कराया है.
हर वर्ष 26 करोड़ लीटर जल होगा संरक्षित .कल तक बड़ी मात्रा में पानी बरबाद हो जाता था. सोख्ता के निर्माण से अब पानी का संरक्षण होगा. एक स्कूली बच्चा अगर कल तक दो लीटर पानी बरबाद करता था, तो आज से उस पानी की बचत शुरू हो गयी. यूनिसेफ की मानें तो 2100 सोख्ता के निर्माण से हर वर्ष करीब 26 करोड़ लीटर जल संरक्षित किया जा सकेगा.
सात निश्चय के तहत काम. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्चय में जल संरक्षण भी शामिल है. इसे डीएम ने एक चुनौती के रूप में लिया. कृषि, शिक्षा व पीएचइडी विभाग में आपसी समन्वय स्थापित कर एक अप्रैल से सोख्ता निर्माण का प्रशिक्षण शुरू कराया. जगह-जगह कार्यशाला हुए. 20 दिनों की कसरत के बाद जिले के 1950 सरकारी, 50 निजी स्कूलों के अलावा 40 मदरसा, 40 आंगनबाड़ी केंद्र व अन्य संस्थानों में सोख्ता का निर्माण कराया गया. गुरुवार को एक साथ सभी सोख्ता को उपयोग में लाया गया.
सभी स्कूलों में सोख्ता का हुआ उद्घाटन
कार्यक्रम में शामिल हुए प्रमंडलीय आयुक्त अतुल प्रसाद
िगनीज बुक में शामिल करने के लिए किया गया नामांकन
भूगर्भ जल संरक्षण की दिशा में प्रशासन की ओर से उठाया गया कदम बना मिसाल