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दीवाली समाप्त, अब छठ की तैयारी

दीवाली समाप्त, अब छठ की तैयारी फोटो नंबर- 13 से 16 तक पटाखा का लुफ्त उठाते बच्चे, 17 रंगोली बनाती एक महिला, 18 रंगोली बना दीप जलाती महिला व युवती, 19 गणेश व लक्ष्मी की पूजा करता स्वर्ण कारोबारी, 20 व 21 दीपोत्सव पर कुछ ऐसा रहा शहर का नजारा सीतामढ़ी : दीवाली पर्व बुधवार […]

दीवाली समाप्त, अब छठ की तैयारी फोटो नंबर- 13 से 16 तक पटाखा का लुफ्त उठाते बच्चे, 17 रंगोली बनाती एक महिला, 18 रंगोली बना दीप जलाती महिला व युवती, 19 गणेश व लक्ष्मी की पूजा करता स्वर्ण कारोबारी, 20 व 21 दीपोत्सव पर कुछ ऐसा रहा शहर का नजारा सीतामढ़ी : दीवाली पर्व बुधवार को समाप्त हो गया. अब हर लोग छठ की तैयारी में लग गये हैं. दीवाली की तैयारी लोग विगत कई दिनों से कर रहे थे. कुछ लोगों की माने तो काश! हर दिन दीवाली मनाने का मौका मिलता. पटाखों की गूंज के साथ दीवाली का पर्व बित गया. — बच्चों ने खूब उठाया लुफ्तदीवाली में विशेष कर छोटे-छोटे बच्चे पटाखा का खूब लुफ्त उठाये. निडर होकर बच्चों ने पटाखें फोड़े. छोटे-छोटे बच्चों को आलू बम जैसे शक्तिशाली पटाखें फोड़ते हुए देखा गया. रंग-बिरंगी फुलछड़ी छोड़ते हुए बच्चे भी अजीब लग रहे थे. यानी पटाखा फोड़ने के दौरान बच्चे काफी खुश थे. उनकी खुशी का अंदाजा लगाना मुश्किल था. वैसे भी कहा जाता है कि दीवाली पर्व अब मुख्य रूप से बच्चों के लिए हीं रह गया है. — लड्डू व मिठाई की खूब बिक्री दीवाली में मिठाई दुकानदारों की चांदी कटी. करीब-करीब हर मिठाई दुकानदार जम कर मिठाई की बिक्री किये. भगवान गणेश का पसंदीदा लड्डू की अधिक बिक्री हुई. भले हीं लोग खुद व अतिथियों के लिए मिठाई की खरीदारी किये तो भगवान गणेश व लक्ष्मी की पूजा के लिए लड्डू खरीदे. — दिखी मनमोहक रंगोली शहर में जगह-जगह घरों के आगे व अंदर भी रंगोली बनायी गयी थी. हर रंगोली एक पर एक थी. महिलाएं रंगोली बना एक ओर जहां मां लक्ष्मी को खुश करती हैं तो दूसरी ओर अपने हुनर का प्रदर्शन भी. धार्मिक मान्यता है कि दीवाली हो या किसी भी शुभ दिन को घरों या अन्य परिसर में रंगोली बनाना शुभ माना जाता है. मनमोहक रंगोली व उसके आसपास जलते दीप देखते बन रहे थे. — गणेश व लक्ष्मी की पूजा हर घरों में भगवान गणेश व मां लक्ष्मी की पूजा की गयी. बता दें कि शांति व समृद्धि के लिए गणेश की तो धन-संपदा के लिए मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है. बहुत से घरों व दुकानों में पंडितों द्वारा विधिवत पूजा-पाठ करायी गयी. — महंगाई का रहा असर दीवाली पर भी महंगाई का असर देखा गया. पटाखा के एक थोक विक्रेता ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि अन्य वर्षों की अपेक्षा इस वर्ष काफी कम पटाखा की बिक्री हुई है. इधर, भले हीं सुखी-संपन्न लोग दीवाली में मिठाई की भी खरीद किये तो आर्थिक रूप से कमजोर लोग महंगाई के चलते सिर्फ लड्डू हीं खरीद सके. — जगह-जगह हुआ जुआ का खेल शहर हो ग्रामीण क्षेत्र जगह-जगह जुआ खेलते देखा गया. भले हीं पुलिस की नजर किसी जुआ के अड्डे पर नहीं गयी हो, पर इस खेल के लिए संबंधित लोग एक सप्ताह पूर्व से दीवाली के दिन का इंतजार करते रहते हैं. बता दें कि कभी उत्तर बिहार में बैरगनिया में जुआ का सबसे बड़ा अड्डा होता था. दीवाली के दिन जुआ खेलने के लिए दरभंगा से लेकर रक्सौल तक के लोग बैरगनिया पहुंचते थे. धीरे-धीरे वहां से यह अड्डा समाप्त होते जा रहा है.

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