शाहिद के 15 वर्ष से लगातार जीत पर लगा ब्रेक सीतामढ़ी. वर्ष 2000 के विधानसभा चुनाव से लगातार जीत दर्ज कर विधानसभा पहुंचनेवाले पूर्व मंत्री शाहिद अली खान के विधायकी कैरियर पर राजद के अबू दोजाना ने ब्रेक लगा दी. शाहिद अली खान ने वर्ष 1990 के विधानसभा चुनाव में पहली बार जनता दल के टिकट पर सीतामढ़ी विधानसभा क्षेत्र से जीत दर्ज की थी. वर्ष 1995 के विधानसभा चुनाव में वह भाजपा के हरिशंकर प्रसाद से हार गये थे. फिर वर्ष 2000 के विधानसभा चुनाव में राजद ने शाहिद अली को टिकट थमाया और वह चुनाव जीत गये. वर्ष 2005 में शाहिद अली खान राजद छोड़ कर जदयू में चले गये. जदयू ने उन्हें वर्ष 2005 के विस चुनाव में पुपरी विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया जिसमें उनकी जीत हुई. नीतीश सरकार में वह पहली बार कैबिनेट मंत्री बनें. नये परिसीमन में पुपरी विस क्षेत्र सुरसंड के नाम से बना, जिसमें शाहिद को पुन: वर्ष 2010 में जदयू के टिकट पर सफलता मिली और वह फिर से मंत्री बने. वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा गंठबंधन की अपार जीत से नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद शाहिद तत्कालीन जीतन राम मांझी मंत्रिमंडल में भी मंत्री बनें. फिर जीतन राम मांझी के नीतीश कुमार से अलग होने पर वह मांझी के साथ हिंदुस्तानी अवाम पार्टी(सेकुलर) में शामिल हो गये.
शाहिद के 15 वर्ष से लगातार जीत पर लगा ब्रेक
शाहिद के 15 वर्ष से लगातार जीत पर लगा ब्रेक सीतामढ़ी. वर्ष 2000 के विधानसभा चुनाव से लगातार जीत दर्ज कर विधानसभा पहुंचनेवाले पूर्व मंत्री शाहिद अली खान के विधायकी कैरियर पर राजद के अबू दोजाना ने ब्रेक लगा दी. शाहिद अली खान ने वर्ष 1990 के विधानसभा चुनाव में पहली बार जनता दल के […]
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