सीतामढ़ी : स्थानीय रेलवे स्टेशन पर गुरुवार की शाम करीब आठ बजे कर्मभूमि एक्सप्रेस ट्रेन से 38 बाल श्रमिकों के साथ पकड़े गये छह बिचौलियों को शुक्रवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
सभी बिचौलिया सीतामढ़ी के हीं विभिन्न थाना क्षेत्रों के हैं. मुक्त कराये गये बाल श्रमिक नेपाल के अलावा सीतामढ़ी व पूर्वी चंपारण के हैं. बता दें कि एसएसबी 20 वीं वाहिनी के सहायक सेनानायक राजन कुमार सिंह से सूचना मिलने पर कमांडेट एचबीके सिंह के नेतृत्व में 51 वीं वाहिनी के द्वितीय सेनानायक मुन्ना सिंह व एएसपी अभियान संजीव कुमार सिंह ने 30-40 एसएसबी जवानों के साथ कर्मभूमि एक्सप्रेस ट्रेन की घेराबंदी कर बोगी से 38 बाल श्रमिकों को मुक्त कराने के साथ हीं छह बिचौलियों को पकड़ा था.
एक साथ इतनी बड़ी संख्या में जवानों को ट्रेन में छापामारी करते देख तमाम यात्री किसी अनहोनी को लेकर सहम गये थे. जब यात्रियों को इसकी जानकारी चली कि एसएसबी जवान व अधिकारी बाल श्रमिक व बिचौलियों की तलाश कर रहे हैं, तब जाकर यात्रियों की जान में जान आयी. पहली बार इतनी बड़ी संख्या में बाल श्रमिकों को मुक्त कराने में एसएसबी को सफलता मिली है.
वैसे एसएसबी की दोनों वाहिनी द्वारा स्टेशन व अन्य स्थानों से अब तक सैकड़ों बच्चों को बिचौलियों से मुक्त कराया जा चुका है. — ये हैं बिचौलिये बिचौलियों में सुरसंड थाना क्षेत्र के पठनपुरा का मो अनवारूल, मो कुदूस, मो जफीर आलम, बैरगनिया नगर पंचायत के वार्ड नंबर एक का इशराफिल नद्दाफ, बेला थाना क्षेत्र के कन्हवां का मो लल्लू, बाजपट्टी थाना क्षेत्र के मधुबन गोट का मो उमर आदि शामिल हैं. जीआरपी से मिली जानकारी के अनुसार जिन बच्चों को बाहर ले जाया जा रहा था,
वे जिले के बेला थाना क्षेत्र के कन्हवां, सुरसंड के पठनपुरा, बाजपट्टी के मधुबन, पूर्वी चंपारण जिला के आदापुर थाना क्षेत्र में मूर्तिना, नेपाल के राम गोपालपुर थाना के बैरगिया व गौर के बलुआ गांव के रहने वाले थे. सभी बच्चों को चाइल्ड लाइन के हवाले कर दिया गया है. बॉक्स में :-नशा खुरानी गिरोह का शिकार बनाफोटो-33 पीडि़त युवक सीतामढ़ी :
एक बार फिर एक युवक नशाखुरानी गिरोह का शिकार बन गया. पीडि़त राजू महतो पूर्वी चंपारण जिला के गुरहनवां थाना क्षेत्र के हीरापुर गांव का रहने वाला है. वह दिल्ली में काम करता है.
वहां से सद्भावना एक्सप्रेस से घर लौट रहा था. देर रात्रि सीतामढ़ी स्टेशन पहुंचा. गुरहनवां में उक्त ट्रेन के नहीं रूकने के चलते सीतामढ़ी स्टेशन पर उतर गया. यह सोच कर कि सुबह में सवारी गाड़ी से गांव चले जायेंगे. समान के साथ स्टेशन पर प्रतीक्षालय में चला गया. कुछ देर बाद उसके पास दो-तीन युवक पहुंचे.
युवकों ने राजू से अपने को यात्री बताया. उसे बिस्कुट खाने को दिया. वह नहीं खाया. दिल्ली से लाये खाद्य सामग्री हीं खाया, लेकिन पानी उक्त तीनों युवकों द्वारा लाया हुआ हीं पिया. बाद में वह बेहोश हो गया और उसका पूरा सामान लेकर तीनों युवक फरार हो गये. बताया कि बैग में पंखा, नगद 3500 व मोबाइल था. रेल पुलिस कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद राजू को उसके परिजन के हवाले करने की कार्रवाई कर रही थी.