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… और नहीं हुआ स्यूलिस गेट का उद्घाटन

… और नहीं हुआ स्यूलिस गेट का उद्घाटन फोटो नंबर- 8 स्यूलिस गेट एवं ग्रामीण वर्ष 2006 में शुरू हुआ था निर्माण कार्य अभियंताओं की नासमझी से बना बेकार चुनाव में वोटर इसे बना सकते हैं मुद्दा सीतामढ़ी/सोनबरसा. प्रखंड अंतर्गत अधवारा समूह की गोगा नदी व सिंगियाही नदी के संगम पर पुरंदाहा रजवाड़ा गांव के […]

… और नहीं हुआ स्यूलिस गेट का उद्घाटन फोटो नंबर- 8 स्यूलिस गेट एवं ग्रामीण वर्ष 2006 में शुरू हुआ था निर्माण कार्य अभियंताओं की नासमझी से बना बेकार चुनाव में वोटर इसे बना सकते हैं मुद्दा सीतामढ़ी/सोनबरसा. प्रखंड अंतर्गत अधवारा समूह की गोगा नदी व सिंगियाही नदी के संगम पर पुरंदाहा रजवाड़ा गांव के समीप स्यूलिस गेट का निर्माण कराया गया था. इस पर 3.50 करोड़ की लागत आयी थी. वर्ष 2006 में तत्कालीन जल संसाधन मंत्री जगदानंद सिंह ने शिलान्यास किया था. उस दौरान मंत्री रहे डॉ रामचंद्र पूर्वे, श्याम रजक व विजय कुमार गुप्ता के साथ ही सांसद रहे सीताराम यादव भी मौजूद थे. विकास-विकास का रट लगाने वाली सरकारों के लिए यह शर्म की बात है कि उसकी संवेदनहीनता के चलते उक्त स्यूलिस गेट का अब तक उद्घाटन भी नहीं हो सका है. खेतों को पानी मिलना तो दूर की बात है. किसानों की आशा पर फिरा पानी जब यह स्यूलिस गेट बना तो क्षेत्र के कई गांवों के किसानों को सिंचाई सुविधा की एक बड़ी उम्मीद जगी थी. बाद में यह सुन कर किसानों की उम्मीदों पर पानी फिर गया कि फाटक का लेवल काफी नीचा होने के चलते खेतों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध नहीं करायी जा सकती है. वर्षों पूर्व बने इस बराज के निर्माण में त्रुटि के लिए न तो संबंधित अभियंताओं पर कोई कार्रवाई की गयी और न ही त्रुटि में सुधार कर सिंचाई सुविधा उपलब्ध करायी गयी. काश! मिलती सिंचाई सुविधा बता दें कि बराज चालू हो जाता तो इससे प्रखंड के करड़िया, चक्की, मयूरवा दक्षिणी, मयूरवा पश्चिमी, रजवाड़ा, मुशहरनिया, वीरता, कचहरीपुर, खैरा टोल, परिहार प्रखंड के धनहा, डाम्ही, तेलियाही, नरंगा व लक्ष्मीपुर समेत अन्य गांवों के किसानों को सिंचाई सुविधा मिलती, मगर सरकार, विभाग व जनप्रतिनिधियों की संवेदनहीनता के चलते यह सब संभव नहीं हो सका. निकट भविष्य में भी संभव नहीं दिख रहा है. किसानों पर ध्यान नहीं रजवाड़ा गांव के बच्चु चौधरी व डॉ अजय कुमार कहते हैं कि किसानों की ओर किसी का ध्यान नहीं है. अभियंताओं की लापरवाही एवं जनप्रतिनिधियों की शिथिलता के चलते यह बराज बेकार हो गया. नेता चुनाव जीतते हैं, अपना कार्यकाल पूरा करते हैं और किसानों की यह समस्या भूल जाते हैं. करने वाले थे अनशन पूर्व सैनिक दीप नारायण महतो कहते हैं कि शासन व प्रशासन को बहुत देख लिये. जब स्यूलिस गेट को चालू कराने के प्रति किसी ने दिलचस्पी नहीं दिखायी तो वे इसके विरोध में अनशन शुरू करने वाले थे. इसी बीच, चुनाव आ गया और चुनाव अवधि तक अनशन का कार्य टाल दिये. मुखिया अमीरी पासवान को भी इस बात का दुख है कि करोड़ों की योजना से किसानों को कोई लाभ नहीं मिल सका. अभियंता प्रमुख आये और गये पूर्व मुखिया द्वय अनिल ठाकुर व आनंदी महतो कहते हैं कि सिंचाई सुविधा मिलती तो क्षेत्र में बेहतर पैदावार होता और किसान खुशहाल रहते. बताया कि कुछ माह पूर्व अभियंता प्रमुख आये और चले गये. उनके स्तर से भी कुछ नहीं किया जा सका है. अशोक तिवारी व नागेश्वर साह को भी अफसोस है कि करोड़ों की योजना से किसानों को सिंचाई सुविधा नहीं मिल पा रही है.

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