सीतामढ़ी : शिक्षा विभाग की लापरवाही से संबंधित एक मामला सामने आया है. मामले की तह तक जांच हो तो साहब भी बेनकाब हो जायेंगे. जानकारों का कहना है कि न विभाग तह तक जांच करेगा और न मामले का पूरा परदाफाश होगा.
बथनाहा प्रखंड के मध्य विद्यालय, कमलदह के शिक्षक रहे मो कलामुद्दीन अंसारी ने बैंक से वेतन मद की राशि अवैध तरीके से निकासी कर ली गयी और जब यह बात फैल गयी तो उन्होंने पुन: बैंक में राशि जमा कर दी. यह बात 10 अक्तूबर की है.
डीपीओ, स्थापना ने तीन अक्तूबर को ही उक्त शिक्षक के सैलरी एकाउंट को क्लोज करने का आदेश दिया था. बीइओ के स्तर से डीपीओ के आदेश पर कोई कार्रवाई नहीं किये जाने के कारण उक्त शिक्षक ने पैसे की निकासी कर ली थी. यह बात अलग है कि बाद में पैसा जमा कर दिया.
क्या है मामला
बता दें कि मो कलामुद्दीन अंसारी एमडीएम की राशि व खाद्यान्न गबन के मामले में फंसे हुए हैं. उनके खिलाफ आठ अप्रैल को प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. बावजूद उक्त शिक्षक द्वारा 30 अप्रैल 2013 को 8.47 लाख की निकासी कर ली गयी. 14 मई को रामलाल राउत ने प्रधान का पद भार संभाला. 14 मई को ही वे प्रभार सौंप मध्य विद्यालय, विशनपुर में योगदान किये.
इसकी जानकारी होने के बावजूद बैंक खाते से पैसे की निकासी पर रोक लगाने की कोई कार्रवाई नहीं की गयी. इसकी भनक वरीय अधिकारी को लगी तो आनन–फानन में खाता को क्लोज किया गया.
18 जून को मो कलामुद्दीन पुलिस के हत्थे चढ़े. बावजूद बीइओ ने उनके निलंबन की अनुशंसा नहीं की. हद तो तब हो गयी जब उक्त शिक्षक को विभाग ने उल्टे तोहफा में सीआरसीसी बना दिया. वे अब तक संकुल समन्वयक के पद पर बने हुए हैं. अप्रैल, मई व जून का वेतन बैंक खाते में गया था. मो कलामुद्दीन ने वेतन मद के सारे पैसे की निकासी कर ली. जब इस बात की चर्चा हुई तो उन्होंने 10 अक्तूबर को बैंक में जाकर सभी पैसे जमा कर दिया.