सीतामढ़ी/नानपुरः पूर्व विधायक रामवृक्ष चौधरी का शुक्रवार को पटना में हृदय गति रूकने से निधन हो गया. वे जिले के नानपुर प्रखंड के रायपुर गांव के रहने वाले थे. उनके निधन की खबर सुनते हीं कांग्रेसी कार्यकर्ताओं व उनके शुभचिंतकों में शोक की लहर दौड़ गयी.
पूर्व विधायक रामवृक्ष चौधरी की सबसे बड़ी खासियत यह रही है कि वे हर वर्ग के लोगों के समन्वय बना कर रहते थे. वे वर्ष 1971 में कांग्रेस में शामिल हुए थे. तब से अब तक इस दल से जुड़े रहे. उनके साथ रहे कई साथी अन्य दलों में चले गये, पर रामवृक्ष बाबू कांग्रेस का हीं झंडा थामे रहे. उनको नजदीक से जानने वाले लोगों से मिली जानकारी के अनुसार रामवृक्ष बाबू पहली बार 1967 में पुपरी विधान सभा क्षेत्र से जनसंघ के टिकट पर चुनाव लड़े थे. हालांकि चुनाव हार गये थे. वर्ष 69 में फिर जनसंघ के टिकट पर चुनाव लड़े और जीत हासिल किये थे. वर्ष 71 में वे कांग्रेस में शामिल हुए और वर्ष 72 में पुपरी से हीं कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ जीते थे.
वर्ष 77 में वे विस चुनाव हार गये थे. तब भी कांग्रेस के हीं टिकट पर खड़ा थे. पुपरी विस क्षेत्र से उनका गहरा लगाव रहा है. वर्ष 80 में एक बार फिर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े और जीते थे. वर्ष 85 में भी उन्हें जीत हासिल हुई थी. यानी वर्ष 90 तक पुपरी विधान सभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किये. बताया गया है कि वर्ष 72 से 77 तक रामवृक्ष बाबू सूबे में पीएचइडी मंत्री रहे थे. वे वर्ष 84 में सीतामढ़ी लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे, लेकिन हार गये थे. बता दें कि वे जिला कांग्रेस के काफी समय तक अध्यक्ष भी रहे थे.
उनके निधन पर सांसद अर्जुन राय, जिला कांग्रेस के कॉ-ऑर्डिनेटर अमित कुमार टुन्ना, मो अफाक खां, अजरुन खिरहर, त्रिलोकी राय, प्रमोद कुमार नील, रितेश रमण सिंह, रामू मिश्र, अंजारूल हक तौहीद. व्यवसायी विनोद प्रसाद ने शोक व्यक्त किया है. उक्त नेताओं ने कहा है कि वे सब एक अभिभावक को खो दिये.