लाठीचार्ज होने पर आपस में उलझ गये थे दोनों दलों के लोग
73 नामजद व 10 हजार अज्ञात के खिलाफ दर्ज करायी गयी थी प्राथमिकी
डुमरा कोर्ट (सीतामढ़ी) : समाहरणालय पर प्रदर्शन के दौरान तत्कालीन डीएम रामानंदन प्रसाद के आदेश पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर सबसे पहले आंसू गैस के गोले छोड़े थे. बावजूद इसका कोई असर प्रदर्शनकारियों पर नहीं पड़ा था. तब पुलिस ने लाठीचार्ज किया था.
इस पर भी प्रदर्शन कर रहे लोग शांत नहीं हुए तो डीएम से हरी झंडी मिलते हीं पुलिस फायरिंग शुरू कर दी थी. कहा जाता है कि पुलिस की ओर से 100 राउंड से अधिक फायरिंग की गयी थी. यह बात अलग है कि प्राथमिकी में 17 राउंड फायरिंग का ही जिक्र किया गया था.
.. और घटना जेहन में ताजा
उस दौरान जिन लोगों ने घटना को देखा था, वे अब भी भूले नहीं है. जब भी समाहरणालय गोली कांड का मामला आता है, तो उनकी आंखों के सामने पूरा मंजर एक फिल्म की तरह दिखने लगता है. लोग यह नहीं भूले हैं कि कैसे पुलिस प्रदर्शनकारियों पर लाठी लेकर टूट पड़ी थी. पुलिस का वह खौफनाक चेहरा याद कर लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं.
खदेड़-खदेड़ कर पीटा था
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए फायरिंग की थी. इस दौरान गोली से पांच लोगों की मौत हो गयी थी. पुलिस ने लोगों को खदेड़-खदेड़ कर पीटा था. जो लोग जहां मिल गये, पुलिस उसी जगह उन पर लाठियां बरपा दी थीं. बहुत से लोग बचने के लिए समाहरणालय के आसपास के होटलों व अन्य दुकानों में चले गये थे.
पुलिस वहां भी पहुंच कर एक-एक की पिटाई की थी. हद तो तब हो गयी जब बचने के लिए कोर्ट व कोर्ट परिसर में छुपे लोगों को भी पुलिस नहीं बख्शी थी. यानी कोर्ट में भी जाकर पुलिस प्रदर्शनकारियों की पिटाई कर दी थी.
डीएम भी हुए थे जख्मी
सीतामढ़ी/डुमरा कोर्ट. प्रदर्शनकारियों द्वारा रोड़ेबाजी में तत्कालीन डीएम रामनंदन प्रसाद व तत्कालीन एसपी परेश सक्सेना समेत आठ अधिकारी जख्मी हो गये थे. इस मामले में श्री प्रसाद को कई बार कोर्ट में आना पड़ा था. श्री सक्सेना की भी कोर्ट में पेशी हुई थी.
प्राथमिकी में 73 लोग हुए थे नामजद
घटना की बाबत मौके पर प्रतिनियुक्त रहे दंडाधिकारी देवेंद्र कुमार ने डुमरा थाना में 73 के खिलाफ नामजद एवं 9-10 हजार अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी थी. पुलिस ने तत्काल 40 आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया था. अनुसंधान के बाद पुलिस ने सभी 73 आरोपितों पर चार्ज शीट कर 44 साक्षियों की सूची कोर्ट को सौंपी थी. यह बात नौ नवंबर 98 की है.