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एपीएचसी भवन बना खंडहर, बरामदे पर ओपीडी
डुमरा : स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार के लिए हर वर्ष करोड़ों रुपये खर्च किये जाते हैं. वहीं सुधार के दिशा में तरह-तरह के कदम उठाये जाने की बात कही जाती, पर पकटोला गांव स्थित एपीएचसी का हाल देख उक्त दावा बेमानी लगता है. हाल यह है कि भवन मरम्मत के अभाव में खंडहर बन गया […]
डुमरा : स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार के लिए हर वर्ष करोड़ों रुपये खर्च किये जाते हैं. वहीं सुधार के दिशा में तरह-तरह के कदम उठाये जाने की बात कही जाती, पर पकटोला गांव स्थित एपीएचसी का हाल देख उक्त दावा बेमानी लगता है.
हाल यह है कि भवन मरम्मत के अभाव में खंडहर बन गया है. जो शेष कमरा है, वह भी धीरे-धीरे जजर्र होते जा रहा है. इतना ही नहीं, भवन के बरामदे पर ओपीडी चलता है. इस एएपीएचसी से क्षेत्र के लोगों को कोई खास लाभ नहीं मिल रहा है.
बेड लगाने की व्यवस्था नहीं
विभाग भी बिना सोचे-समङो कदम उठाता रहता है. यह कहना है गांव के लोगों का. कहा कि भवन की व्यवस्था के बगैर विभाग ने इस केंद्र को छह बेड का अस्पताल घोषित कर दिया है.
बेड लगाने की कोई व्यवस्था नहीं है. इस केंद्र से क्रमश: पकटोला, मिश्रौलिया, रामपट्टी, हनुमाननगर, धरमवाना, भटौलिया, रसलपुर, हरिहरपुर, भासेपुर व कुम्हरा विशनपुर गांव के हजारों लोग जुड़े हुए हैं.
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