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43277 इंदिरा आवास अधूरा
सीतामढ़ी : लंबित इंदिरा आवास को पूरा कराना एक तरह से सरकार व प्रशासन के लिए चुनौती बन गयी है. बीडीओ व इंदिरा आवास सहायक की भी परेशानी बढ़ गयी है. आवास सहायक की तो नौकरी पर ही बन आयी है. निर्धारित अवधि के अंदर निर्धारित संख्या में आवास का काम पूरा नहीं होने पर […]
सीतामढ़ी : लंबित इंदिरा आवास को पूरा कराना एक तरह से सरकार व प्रशासन के लिए चुनौती बन गयी है. बीडीओ व इंदिरा आवास सहायक की भी परेशानी बढ़ गयी है. आवास सहायक की तो नौकरी पर ही बन आयी है. निर्धारित अवधि के अंदर निर्धारित संख्या में आवास का काम पूरा नहीं होने पर संबंधित आवास सहायक को सेवा से मुक्त कर दिया जायेगा. बता दें कि जिले में 43277 इंदिरा आवास अधूरा है.
सरकार व प्रशासन के बार-बार की चेतावनी के बावजूद सैकड़ों ऐसे लाभार्थी है, जिन पर इस चेतावनी का कोई असर नहीं पड़ रहा है. यही कारण है कि वे आवास का निर्माण नहीं करा रहे हैं, पर अब ऐसे हठी लाभार्थियों को हर हाल में आवास का काम पूरा कराना होगा. प्रशासन आवास नहीं बनाने वालों के खिलाफ अब कड़ा रुख अख्तियार करने का मन बना रहा है. जानकारों का कहना है कि बहुत से लाभार्थी इंदिरा आवास के पैसे को अपना निजी पैसा समझ बिना मतलब के कामों में खर्च कर लेते हैं, तो बहुत से लोग आवास के पैसे को दूसरे काम में लगा देते हैं.
वह भूल जाते हैं कि इस पैसे से हर हाल में आवास बनाना ही पड़ेगा अन्यथा प्रशासन नीलाम वाद दायर कर उनसे पैसे वसूल लेगी. बहुत से लाभार्थी कार्रवाई के भय से आवास का लंबित काम कराने लगे है तो वैसे लाभार्थियों की कमी नहीं जो आवास का निर्माण या तो अब तक शुरू नहीं कराये हैं.
आवास पूर्ण कराने को प्रेरित करें
इधर, ग्रामीण विकास विभाग के सरकार के सचिव एसएम राजू ने डीडीसी को पत्र भेज कहा है कि लाभार्थियों को लंबित आवास को पूर्ण कराने के लिए प्रेरित करे. उसके बाद भी कोई आवास नहीं बनाता है तो पूर्व में दिये गये निर्देशों के आलोक में उन पर विधि सम्मत कार्रवाई करे.
आवास को पूरा कराने में आवास सहायक व आवास पर्यवेक्षक से सहयोग लेने की बात कही गयी है. कहा है कि इन कर्मियों के नियुक्ति के बावजूद बड़ी संख्या में आवास लंबित पड़ा हुआ है. फलत: योजना का उद्देश्य विफल हो रहा है. इस पर केंद्रीय विकास मंत्रलय, भारत सरकार ने भी खेद व्यक्त किया है.
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