सीतामढ़ी : गुरुवार की सुबह से ही आकाश में छाया कोहरा शुक्रवार की सुबह रूक-रूक हो रही बूंदाबांदी के बीच अचानक कनकनी बढ़ा दी. मौसम वैज्ञानिकों की माने तो बंगाल की खाड़ी व यूपी में चल रही ठंडी हवाओं से उत्तर बिहार में हवा का दबाव बना है. बंगाल की खाड़ी में भी साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना हुआ है, जिसकी वजह से जिले में सुबह से ही रूक-रूक कर बूंदाबांदी के बीच ठंड ने दस्तक दे दी.
अचानक बढ़ी ठंड से शहर से लेकर देहात तक में लोग कांपने लगे. बूंदाबांदी से शहर की सड़कें कीचड़ से सन गयी. आम जनजीवन पर इसका व्यापक असर पड़ा है. सबसे अधिक परेशानी स्कूली बच्चों को हुई.
सुबह बूंदाबांदी के बीच शहर के विभिन्न स्टॉप प्वाइंट पर इन बच्चों को स्कूल बस की प्रतीक्षा करते देखा गया. स्कूल से घर लौटने में बच्चों को भींगकर आना पड़ा. दफ्तरों से लेकर बैंकों, बीमा कार्यालयों व डाकघर में भी ठंड व बूंदाबांदी का असर देखा गया है. आम दिनों की भांति कहीं कर्मचारी तो कहीं ग्राहकों की आवाजाही कम दिखी.
बारिश की वजह से सड़क किनारे फुटपाथी दुकानदारों को आज की कमाई गंवानी पड़ी. रेलवे स्टेशन से लेकर बस स्टैंड में यात्रियों की संख्या में कमी दर्ज की गयी. घरों व सार्वजनिक जगहों पर लोगों को ठंड से बचने के लिए अलाव तापते देखा गया. पिछले दो दिन के भीतर तापमान में तीन से पांच डिग्री तक की गिरावट दर्ज की गयी है. मौसम वैज्ञानिकों ने सीतामढ़ी में आज का 15 से 16 डिग्री सेल्सियस बताया है, जो अगले दो दिनों में और गिरावट की संभावना है.
बच्चों में ठंडजनित बीमारियों का प्रकोप बढ़ा
अचानक ठंड बढ़ने से बच्चों में ठंड जनित रोगों का प्रकोप बढ़ गया है. खासकर सर्दी-खांसी, कफ व फीवर से बच्चे ग्रसित हो रहे हैं. सदर अस्पताल से लेकर शहर के निजी क्लिनिकों में अभिभावकों के साथ नवजात व छोटे-छोटे बच्चों को कतारबद्ध देखा जा रहा है. चिकित्सकों की माने तो अचानक हुए जलवायु परिवर्तन के कारण हर उम्र के लोगों पर इसका असर पड़ता है. खासकर नवजात शिशुओं पर इसका असर सबसे अधिक पड़ता है.