24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

शातिर सरोज व चिरंजीवी के शागिर्द आमने-सामने

पुलिस के साथ-साथ खुफिया विभाग भी अलर्ट विशाल की हत्या के बाद गैंगवार की आशंका सीतामढ़ी : हत्या समेत कई संगीन मामलों के आरोपित रह चुके विशाल की हत्या के बाद जिले में वर्चस्व की लड़ाई को लेकर गैंगवार की आशंका को लेकर पुलिस के कान खड़े हो गये हैं. शहर के आसपास विवादित जमीन […]

पुलिस के साथ-साथ खुफिया विभाग भी अलर्ट

विशाल की हत्या के बाद गैंगवार की आशंका
सीतामढ़ी : हत्या समेत कई संगीन मामलों के आरोपित रह चुके विशाल की हत्या के बाद जिले में वर्चस्व की लड़ाई को लेकर गैंगवार की आशंका को लेकर पुलिस के कान खड़े हो गये हैं.
शहर के आसपास विवादित जमीन पर मालिकाना हक रखने वाले लोग भी अपने ऊपर खतरा महसूस करने लगे हैं. शातिर अपराधियों के सहयोग से जमीन कब्जा करने वाले भू-माफियाओं की आपराधिक घटनाओं को लेकर खुफिया विभाग भी अलर्ट मोड में हैं.
शातिर अपराधी सरोज राय के शागिर्द विशाल की हत्या और आरोपित के रूप में एक जमाने में बिहार पिपुल्स लिबरेशन आर्मी नामक प्रतिबंधित आपराधिक संगठन के मुखिया संतोष झा के राइट हैंड सह प्रवक्ता रह चुके चिरंजीवी भगत के चचेरा भाई अरूण भगत व साढ़ू रवि पटेल का नाम सामने आने के बाद स्पष्ट हो गया है कि जिले में अपराध की दुनिया में अपना साम्राज्य स्थापित करने के लिए दोनों गिरोह के लोग आमने-सामने हो गये हैं.
खुफिया विभाग के सूत्रों पर भरोसा करें तो दोनों गिरोह को संरक्षण देने वाले दो भू-माफिया हैं. जो जमीन कब्जा करने में दोनों गिरोह का अलग-अलग इस्तेमाल कर रहे हैं. हालांकि जेल में बंद सरोज राय व चिरंजीवी सागर की खामोशी को लेकर सस्पेंस बना हुआ है कि जेल से बाहर दोनों शातिर के नाम का इस्तेमाल कर गिरोह का बागडोर अब कौन संभाल रहा है.
भू-माफियाओं की सक्रियता से दहशत
विशाल की हत्या के बाद दर्ज प्राथमिकी में उसके पिता रामनिवास महतो ने हत्या का कारण घोड़ाबाजार की जमीन बताया है. जिसके बाद पुलिस के संदेह की सूई भू-माफियाओं पर भी है. जिले में भू-माफियाओं की सक्रियता का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि चार साल के अंदर तीन हाई प्रोफाइल हत्याकांड को अंजाम दिया जा चुका है.
जिसने पूरे जिले के लोगों को हतप्रभ कर दिया था. उनमें 29 सितंबर 15 को स्वतंत्र पत्रकार अजय विद्रोही, 14 अगस्त 17 को हॉस्पीटल रोड में लीची बगान निवासी प्रो अनिता जायसवाल व 10 अप्रैल 18 को जमींदार भरत प्रसाद व उनकी पत्नी मांडवी देवी की हत्या रहस्यमय तरीके से कर दी गयी.हालांकि बाद में पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा किया था.
हत्याओं के दौर को देखते हुए समाज के बुद्धिजीवियों का दबी जुबान से कहना है कि अगर समय रहते भू-माफियाओं को बेनकाब नहीं किया गया तो हत्याओं का सिलसिला जारी व गैंगवार में निर्दोष लोगों के मारे जाने की घटना से इनकार नहीं किया जा सकता.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें