चेतावनी के बाद जिलाधिकारीने की सीधी कार्रवाई
सीतामढ़ी : डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा ने मंगलवार को कर्मियों की उपस्थिति पंजी की जांच की. ऑफिस आने का निर्धारित समय सुबह 10:30 है.
उस दौरान तक समाहरणालय के विभिन्न प्रशाखाओं के 41 कर्मी कार्यालय नहीं पहुंच सके थे, जबकि डीएम के स्तर से पूर्व में ही कर्मियों को समय पर कार्यालय पहुंचने की हिदायत की गयी थी. उक्त हिदायत को नजरअंदाज करना कर्मियों को महंगा पड़ा है. डीएम ने नदारद रहे 41 कर्मियों से सरकारी कार्यों के प्रति लापरवाही एवं वरीय पदाधिकारी के निदेश की अवहेलना को लेकर स्पष्टीकरण पूछा है. स्पष्टीकरण पर निर्णय होने तक कर्मियों के वेतन/मानदेय भुगतान पर रोक लगा दिया गया है.
डीआरडीए से 13 कर्मी नदारद : किसी प्रशाखा से दो, तो किसी से तीन-चार प्रशाखा से तीन-चार कर्मी नदारद मिले थे. वहीं, डीआरडीए से एक साथ 13 कर्मी गायब थे.
यानी उक्त कर्मी सुबह 10:30 बजे तक कार्यालय नहीं पहुंच सके थे. बता दें कि काफी समय बाद कर्मियों के हाजिरी की जांच की गयी थी. डीएम की कार्रवाई से कर्मियों में हड़कंप है. कुछ कर्मी तो डीएम के पूर्व के आदेश के आलोक में समय पर कार्यालय आने लगे है, जबकि उक्त आदेश को नजरअंदाज करने वाले कर्मी बुरी तरह फंस गये है. डीआरडीए में डीपीएम भागीरथ प्रसाद यादव के अलावा लेखा पदाधिकारी प्रियरंजन राय, तकनीकी सहायक शिवाजी सिंह, राजेश्वर ठाकुर, जीप चालक नारायण ठाकुर, कार्यपालक सहायक पुरुषोत्तम कुमार, सपना कुमारी, प्रदीप मंडल, विजय कुमार राय, गुंजा कुमारी, कार्यालय परिचारी नीतीश कुमार पांडेय, व राजेंद्र सिंह समय पर नहीं पहुंचे थे.
यहां के तमाम कर्मी थे नदारद : जिला सांख्यिकी के तमाम कर्मी नदारद थे. कर्मियों में हेमंत कुमार चौबे, शशि कुमार राम, बेला पांडेय, हरेंद्र महतो व अरविंद कुमार शामिल है.
सामाजिक सुरक्षा कोषांग के विकाउ राम, विनोद कुमार चौधरी, देवनारायण साहू व अमरनाथ कुमार आदि तमाम कर्मी नदारद थे. इधर, जिला स्थापना के राजेंद्र प्रसाद सिंह, जिला विधि के वसंत कुमार, जिला विकास के दुःखद पटेल, अब्दुल क्यूब खान, सत्यनारायण राय, जिला योजना के अवर योजना पदाधिकारी अशोक कुमार, सतन यादव, मुकेश राम, जिला परिवहन के प्रोग्रामर विकास चंद्रा, आइसीडीएस की रूपम कुमारी व जलवीर कुमार शामिल है.