रोसड़ा : रोसड़ा के ढट्ठा गांव में एसिड अटैक में दो बेटों व जाउत को गंवा चुकी सीता देवी की आंखों में बुधवार को मामले के आरोपियों को कोर्ट द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद खुशी के आंसू छलक पड़े. कोर्ट से 12 आरोपितों को दोषी करार देने की जानकारी मिलते ही वह खुशी से […]
रोसड़ा : रोसड़ा के ढट्ठा गांव में एसिड अटैक में दो बेटों व जाउत को गंवा चुकी सीता देवी की आंखों में बुधवार को मामले के आरोपियों को कोर्ट द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद खुशी के आंसू छलक पड़े. कोर्ट से 12 आरोपितों को दोषी करार देने की जानकारी मिलते ही वह खुशी से फूट-फूटकर रोने लगी. उसे 14 वर्षों बाद न्याय मिला था. परंतु एक बात का गम भी उसे सता रहा था कि उसका तीसरा बेटा को भी आरोपितों ने रेप केस में फंसा कर जेल भिजवा दिया.
फिलहाल डेढ़ वर्षों से जेल में बंद है. 14 वर्षों तक तिल-तिल कर किसी तरह जीवन व्यतीत कर रही सीता देवी ने घटना को याद कर फफक रही थी. उसने बताया कि उसके खेत में आरोपितों द्वारा चिमनी खोले जाने के लिए जमीन देने की मांग की गयी थी. परंतु सीता देवी ने आरोपितों को जमीन देने से मना कर दिया. इसी बात से गुस्साये आरोपितों ने एकराय कर सभी को जान से मारने का प्लान बनाया था.
बताया कि घटना के समय आरोपित धर्मचंद्र महतो व राम बोल महतो आदि ने मिलकर उनके पुत्र को मारपीट कर तेजाब पिला दिया. तेजाब आंख में भी डाल दिया. इससे भी मन नहीं भरा, तो आंख में अकवन का दूध डाल दिया. फिर आंख निकाल लिया. उसके एवं पुत्रवधू सरस्वती देवी के शरीर पर भी तेजाब डाल दिया. अपने जाउत विश्वनाथ दास के माता-पिता के नहीं रहने के कारण बचपन से ही उसे भी सीता देवी ने ही पुत्र के समान पाल पोस कर बड़ा किया था.
मनोज दास की शादी 19 अप्रैल 2005 को होने वाली थी. परंतु बारह दिन पूर्व 5 अप्रैल को ही उपद्रवियों ने मिलकर उसे मौत के घाट उतार दिया. बड़े बेटे राम रतन दास के दो बच्चे भी हैं. घटना के समय 10 व 8 वर्ष के थे. सीता देवी ने बताया कि घटना के बाद से वह पुत्र वियोग में किसी तरह जीवनयापन कर रही थी. इस बीच आरोपितों द्वारा केस सुलह करने अन्यथा घर के अन्य सदस्यों को भी जान से मार देने की धमकी भी दी जा रही थी. जेल में बंद बेटे ने किसी भी सूरत में सुलह नहीं करने पर अड़े हैं.
कोर्ट से न्याय पाने के लिए सीता देवी ने 17 कट्ठा जमीन भी बेच दी. सीता देवी ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आरोपितों ने तत्कालीन थानाध्यक्ष को मोटी रकम देकर एवं गांव के एक 3 वर्षीय बच्ची की मां को भी मोटी रकम देकर उनके तीसरे पुत्र को रेप केस में फंसा दिया गया. मामले में सुलह करने के लिए स्थानीय एक जनप्रतिनिधि व आरोपियों द्वारा काफी दबाव दिया गया.