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गैंगस्टर मुकेश के इशारे पर मोतिहारी जेल में बंद गोलू ने रची थी साजिश

सीतामढ़ी : जिला व्यवहार न्यायालय में पेशी के दौरान प्रतिबंधित बिहार पिपुल्स लिबरेशन आर्मी व परशुराम सेना के मुखिया संतोष झा हत्याकांड की गुत्थी जिला पुलिस ने सुलझा ली है. इस हत्याकांड की साजिश सीतामढ़ी जेल में बंद मुकेश पाठक के इशारे पर मोतिहारी जेल में बंद शातिर अपराधी अश्विनी दुबे उर्फ गोलू ने रची […]

सीतामढ़ी : जिला व्यवहार न्यायालय में पेशी के दौरान प्रतिबंधित बिहार पिपुल्स लिबरेशन आर्मी व परशुराम सेना के मुखिया संतोष झा हत्याकांड की गुत्थी जिला पुलिस ने सुलझा ली है. इस हत्याकांड की साजिश सीतामढ़ी जेल में बंद मुकेश पाठक के इशारे पर मोतिहारी जेल में बंद शातिर अपराधी अश्विनी दुबे उर्फ गोलू ने रची थी.

समाहरणालय स्थित अपने कार्यालय कक्ष में एसपी विकास वर्मन ने कहा कि घटना के दौरान गिरफ्तार मोतिहारी जिला के चकिया थाने कुअवां गांव निवासी दिनेश महतो के पुत्र विकास महतो के पास से 7.65 की एक पिस्टल व 7.65 एमएम के छह जिंदा कारतूस, दो 7.65 एमएम का मैगजीन, .315 के तीन जिंदा कारतूस, 303 का एक जिंदा कारतूस व एक परचा पर बिहार पिपुल्स लिबरेशन आर्मी जिंदाबाद लिखा हुआ था. घटनास्थल से 09 एमएम व 7.65 बोर के तीन-तीन खोखे बरामद हुए हैं. विकास ने पुलिस को बताया है कि वह और डेविल उर्फ आशीष रंजन डुमरा थाने कृष्णापुरी में वकील मुनेश के मकान में किराया पर रहते थे. 27 अगस्त को डेरा पर अपने साथ दो लड़काें को लेकर किशोर अपराधी आया. 27 अगस्त को उसने कोर्ट में जाकर हथियार पॉलीथिन में रख कर छिपा दिया.
गलत पास बना कर कोर्ट के अंदर गये विकास व डेविल. अगले दिन गलत पास बना कर विकास व डेविल कोर्ट के अंदर प्रवेश कर गये. बाहर में किशोर अपराधी और उसके साथ आये दो आदमी बाइक लगा कर खड़े थे. डेविल को फोन कर किसी ने बताया कि
गैंगस्टर मुकेश के
जेल से गाड़ी निकल चुकी है. उसके बाद डेविल व विकास ने छुपाया हुआ हथियार अपने पास रख लिया. पेशी के बाद बाहर आने पर दोनों ने गोली मार कर संतोष की हत्या कर दी. विकास पकड़ा गया, लेकिन डेविल फायरिंग करते हुए फरार हो गया.
श्री वर्मन ने बताया कि घटना के बाद अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम का गठन किया गया. जिसने मोतिहारी पुलिस के सहयोग से चकिया के एक अपराधी घर पर छापा मार कर नवीन अख्तर को हिरासत में ले लिया. नवीन ने बताया कि किशोर अपराधी मोतिहारी जुवेनाइल कोर्ट में था. उसको बीमारी का बहाना बना कर बाहर निकालने के लिए चकिया के संजीत कुमार उर्फ गोलू से फोन पर कहा. उसको बाहर निकालने के लिए संजीत एवं अश्विनी दुबे उर्फ गोलू ने चकिया के प्रिंस के माध्यम से पैसा दिया था.
यह सब घटना मुकेश पाठक के इशारे पर मोतिहारी जेल में बंद अश्विनी दुबे व संजीत कुमार के द्वारा करायी गयी है. इस दौरान विकास व डेविल अपनी पहचान छुपा कर कोचिंग क्लास करते हुए कोर्ट परिसर की रेकी भी कर रहे थे. छापेमारी में डुमरा व बथनाहा थानाध्यक्ष क्रमश: विकास कुमार सिंह, प्रभात रंजन सक्सेना, आरक्षी आलोक कुमार व एसआइटी टीम के पुलिसकर्मी शामिल थे.

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