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हाकिम के दफ्तर के आसपास चल रहे अवैध पैथोलॉजी सेंटर

सीतामढ़ी : जांच घरों (पैथोलॉजी सेंटर) के मानक के अनुरूप नहीं होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. कतिपय कारणों से अवैध जांच घरों के प्रति नरम रुख अपनाते हुए विभाग हाथ पर हाथ रख बैठा हुआ है. हालांकि हाइकोर्ट के रुख के बाद अब संभव है कि अवैध जांच घरों […]

सीतामढ़ी : जांच घरों (पैथोलॉजी सेंटर) के मानक के अनुरूप नहीं होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. कतिपय कारणों से अवैध जांच घरों के प्रति नरम रुख अपनाते हुए विभाग हाथ पर हाथ रख बैठा हुआ है.

हालांकि हाइकोर्ट के रुख के बाद अब संभव है कि अवैध जांच घरों में ताला लग जायेगा. दिलचस्प बात यह भी है कि सदर अस्पताल में हाकिम (सिविल सर्जन) का कार्यालय रहने के बाद भी आसपास में दर्जनों पैथोलॉजी सेंटर भयमुक्त होकर संचालित हो रहे है. दूसरी बात यह भी है कि स्वास्थ्य विभाग की नजर में गैरमानक पैथोलॉजी सेंटर की संख्या 67 है, जबकि जानकारों की माने तो गैर पैथोलॉजी सेंटर की संख्या 100 से अधिक है.
विभाग ने कार्रवाई कर मांगी रिपोर्ट
गत दिन हाइकोर्ट द्वारा मामले की सुनवाई की दौरान की गयी टिप्पणी के आलोक में स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव राजीव कुमार ने सीएस को पत्र भेज मानक के अनुरूप संचालित नहीं होने वाले जांच घरों, नर्सिंग होम व अस्पतालों की जांच करा कार्रवाई कर रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा है.
श्री कुमार ने पत्र में लिखा है कि पूर्व में अधिकांश सीएस द्वारा बिना समीक्षा व मंतव्य के साथ रिपोर्ट भेज दी गयी थी. चेक लिस्ट के अनुसार जांच करने का आदेश दिया गया है.
बिना चिकित्सक चल रहा जांच घर
सदर अस्पताल में विभाग का जांच घर है. हैरानी इस बात की है कि यह जांच घर विगत कई महीनों से बिना चिकित्सक के ही चल रहा है.
खबर है कि उक्त जांच घर से मरीजों को रिपोर्ट दी जाती है, लेकिन उसपर चिकित्सक का हस्ताक्षर नहीं होता है. कर्मी ही निर्गत करते है. चिकित्सक के पदस्थापन के लिए सीएस का ध्यान आकृष्ट कराये जाने के बावजूद चिकित्सक की प्रतिनियुक्ति नहीं की गयी है. पैथोलॉजी के चिकित्सक एक ही है, जो सोनबरसा पीएचसी में कार्यरत है.
रिपोर्ट से हुआ है खुलासा
बताया गया है कि रामकृष्ण मिस्त्री नामक एक शख्स हाइकोर्ट में वर्ष 2015 में ही एक मामला दायर किया था. उसने सूबे में अवैध रूप से संचालित जांच घरों के अलावा पॉली क्लिनिक, नर्सिंग होम , छोटा व बड़ा अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. हाइकोर्ट के आदेश पर स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव ने 26 दिसंबर 17 को सभी सीएस से मानक के अनुरूप नहीं होने वाले जांच घरों की बाबत रिपोर्ट मांगी थी. सीतामढ़ी समेत 22 जिलों के सीएस ने ही रिपोर्ट सौंपी थी. स्थानीय सीएस ने विभाग को यह जानकारी दी थी कि जिले में मात्र 15 जांच घर मानक के अनुरूप है, जबकि गैरमानक के तहत संचालित जांच घरों की संख्या 67 है. हद तो यह कि मधेपुरा व जमुई में एक भी जांच घर मानक के अनुरूप नहीं है.
जांच का आदेश
रिपोर्ट से ही अवैध जांच केंद्रों की संख्या का हुआ है खुलासा
सीतामढ़ी में मात्र 15 जांच केंद्र मानक के अनुसार
विभाग ने सीएस से जांच करा कार्रवाई कर मांगी रिपोर्ट

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