डुमरा कोर्ट : वाहन दुर्घटना के बाद सड़क जाम, तोड़फोड़ व आगजनी कर अपना हक मांगने वालों के लिए आर्थिक रूप से कमजोर निरक्षर तेतरी देवी व उनकी पुत्रवधू मनीषा एक मिसाल बन कर सामने आयी हैं. अपने पुत्र संजय पासवान की बस दुर्घटना में मौत के बाद तेतरी ने पुत्रवधू के साथ मिलकर सड़क […]
डुमरा कोर्ट : वाहन दुर्घटना के बाद सड़क जाम, तोड़फोड़ व आगजनी कर अपना हक मांगने वालों के लिए आर्थिक रूप से कमजोर निरक्षर तेतरी देवी व उनकी पुत्रवधू मनीषा एक मिसाल बन कर सामने आयी हैं. अपने पुत्र संजय पासवान की बस दुर्घटना में मौत के बाद तेतरी ने पुत्रवधू के साथ मिलकर सड़क पर अपना आक्रोश प्रकट नहीं किया.
उन्होंने न्यायालय की शरण ली. तीन साल तक कानूनी लड़ाई के बाद एडीजे द्वितीय शिव कुमार शुक्ला ने ओरियंटल इंश्योरेंस कंपनी को मृतक संजय के परिजन को 46 लाख छह हजार रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है. कानूनी लड़ाई लड़ने वाले अधिवक्ता किरण कुमार चौधरी ने तेतरी व मनीषा के धैर्य व जज्बे की सराहना की.
निरक्षर तेतरी को
उन्होंने कहा कि किसी तरह के वाहन दुर्घटना के बाद मुआवजे का प्रावधान है. मृतक के परिजन वाहन मालिक पर मुआवजे के दावा कर सकते हैं. वाहन का बीमा होने पर इंश्योरेंस कंपनी, नहीं तो वाहन मालिक को मुआवजा देने का प्रावधान है. वह कमजोर परिवार वालों से मुआवजा मिलने के बाद अपनी फीस लेते हैं. किसी तरह की दुर्घटना के बाद सड़क जाम कर यात्रियों को परेशान करने के बदले लोगों को कानून की शरण में आना चाहिए.
क्या है मामला
2014 में मुजफ्फरपुर स्थित तुर्की ट्रेनिंग कॉलेज के पास बस दुर्घटना में सिपाही संजय पासवान गंभीर रूप से जख्मी हो गये. इलाज के दौरान एसकेएमसीएच में उनकी मौत हो गयी. बिहार पुलिस का जवान संजय पासवान नगर थाने के अमघट्टा गांव के रहने वाले थे. वह मुजफ्फरपुर जिले में पदस्थापित थे. संजय की मौत के बाद तेतरी देवी ने इंश्योरेंस कंपनी को पार्टी बना कर मुआवजे की मांग की. जहां कोर्ट ने इंश्यारेंस कंपनी को नोटिस कर जवाब देने को कहा. जवाब के बाद कोर्ट ने कंपनी को मुआवजा की राशि देने का आदेश दिया. मामले में वादनी की ओर से अधिवक्ता किरण चौधरी ने पक्ष रखा.
बस दुर्घटना में पुत्र की मौत के बाद ली थी न्यायालय की शरण
सड़क जाम करने वालों के लिए तेतरी देवी बनीं एक मिसाल
सास व बहू ने मिल कर इंश्योरेंस कंपनी से लिया मुआवजा